Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

Vipul Tripathi

 

 

  • जो वयक्ति दूसरो को खुश देख जलता रहता है
    ज़िन्दगी की खुशिया छोड़ हाथ मलता रहता है

     

  • लफडा ये है कि हमे सब कुछ चाहिये...
    और हमे सब कुछ फ्री में चाहिये....
    या तो ये हो सकता है
    या नही हो सकता है.

     

  • तरक्की की राह में फाटक ....
    ख़ुद को लेखक समझना और पब्लिक को पाठक
    android के युग में.....ये चलेगा नही ओ फाटक.

     

  • ज़िंदगी में अहम की लड़ाई के शतरंज में
    सब हाथी घोड़े इक दूजे के हमने मार डाले
    पर .... ना तुझे मात हुई ना मुझे मात हुई
    चल.....अब नए सिरे से शुरू कर देखते है। .

     

  • दुनियादारी-

    "कभी जग हँसाई से.....ठिठक गई
    कभी शर्मो-हयाई से....झिझक गई
    कई मर्तबा...मेरे पास आ के भी वो
    बस दुनियादारी में ही...अटक गई"

     

  • के शायरो को बता दो बिलकुल फालतू हो तुम
    मिली जो शोहरत वो भी है मिली है नाहक से
    एक तो सपने लिए फिरते हो....गलियों गलियो
    तुर्रा ये कि फिर झगड़ा भी करते हो ग्राहक से..

     

  • तू यूँ ना अकड़ बिलकुल भी,कि मै तन्हा तो नही था ना
    होठों पे मेरे जब जाम था ...तब दिल में तू ही तो था ना.

     

  • बीगो और लाइव मी पे जा के समझ जाओगे
    ख़ुद के साथ वक्त बिताना भी जरूरी है

     

  • सालो हो गए...ज़िंदगी की शतरंज में
    ना तुझे मात होती है ना मुझे
    चल अपन मोहरे बिखेर के
    नया गेम खेल के देखते है....

     

  • अब आए हो मेरी जान तुम तमाशा करने
    अब ये तो बताओ कि बचा क्या है..

     

  • दोस्त नही बनना ना बन..पर दुश्मनी ना बना
    घर में चाहते ना हो चलेगा,पर ओहदे ना बना.

     

  • ज़ुकरबर्ग साहब....इंडिया पाकिस्तान के लिए एक अलग फेसबुक बनाओ
    ताकि जितनी गाली गलौज होनी है हो जाए .....और ये नफरते खत्म हो
    परम आदरणीय साहब रोजगार पैदा करो.....ये नेट की फुरसते खत्म हो

     

  • ना अफ्रीका में..ना चीन में निकलते है
    अब सारे साँप आस्तीन में निकलते है

    पहले पगुराती थी "भैंसे"....लेकिन अब
    झुँड के झुंड उम्मीदें बीन में निकलते है

     

  • जो भी बैठे है साहिल के सहारे ले कर
    बता दो उनको ........ कि ये समंदर है...
    अगली लहर पलट सकत्ती है किनारे लेकर.

     

  • जो भूल चुके तुझे..तू भी उन्हें भूल जा
    ख़ुद को तोड़,भविष्य के साथ झूल जा.

     

  • हमारे बीच दरअसल..अब इतना रिश्ता बाकी है
    जुदा हो जाए नही तो...बस बेवफ़ा होना बाकी है

     

  • शादियों में जो गाने बज रहे है उनमें शब्द भी तो है
    मेरे सभ्य समाज आँधियाँ बो रहे हो तूफान काटोगे..

     

  • हर सितारे ने ठगा है हर रोज़ मुझे
    कि ये बात नही..कोई एक रात की
    महज किस्मत....इल्ज़ाम है तुमपे
    इनायत रही पर,तेरी पूरी जात की..

     

  • बेहतरीन चीज लगी आरक्षण के साथ
    कि तुक मिलती है....ब्राहमण के साथ..

     

  • पलट सकती है लहरे किनारे लेकर
    तमाशा मत करो नाम हमारे लेकर....

     

  • दिल हाज़िर है....मगर चालाकियो से नही
    मोहब्बत है तो करो..पर नुमाइशो से नही...

     

  • ऐसा नहीं है पैचअप नहीं होते बेवफाई के बाद
    बस प्यार का स्टीकर पहले सा नहीं चिपकता..

     

  • मेरा भी हाले दिल पता लगाते रहना
    जैसे जरूरी है ब्यूटी पार्लर जाते रहना
    कि नए नए उपडेट डालता हूँ इश्क़ के
    रोज़ दिल के प्ले स्टोर पे आते रहना....

     

  • इस तरह के दिलबर है मेरे कि मुझको वफा से लगती है (चोट)
    ज़फाओ की मुझे फिक्र नही इनकी तो दुआ से लगती है (चोट).

     

  • कि तुम मुझको भुला देना इक हादसा समझ के
    पोछ लेना आंखे....सूखते ज़ख्मो निशा समझ के.

     

  • मेरे दुश्मनों की दास्ताँ भी दोस्ती से ही शुरू होती है
    कुछ ज्यादा कुछ कम बदलते गए,और हम बदलते गए.

     

  • बदलते खेल सी मिली ज़िन्दगी,और हम बदलते गए
    खुशीया बदली गम बदलते गए..और हम बदलते गए

    कई बार मरने के बाद मैंने मौत से डरना छोड़ दिया
    खेल वही था...यम बदलते गए..और हम बदलते गए..

     

  • होती है आत्ममुग्धता.....कद से ज्यादा
    यूँ ही नही गिरते बदगुमां..हद से ज्यादा..

     

  • शादी कर लेना रोग है तो दवा भी होनी चाहिये
    दम घुटने से पहले...कुछ हवा भी होनी चाहिये..

     

  • जो ख़ुद के दिमाग में बसे...... डर से जीत गया
    उसके सामने एक हो या अनेक,हर से जीत गया..

     

  • ख़ुद को ले के...वहम होते है
    फक़त इसलिए अहम होते है.

     

  • कटोरी के पानी है....मगर चंद्रमा उठाये घूमते है
    रातों को देखिये यादोंको खामखा उठाये घूमते है

     

  • बाज़ार की ताकत पे लाचार है हर चोर-चिन्दी
    सरकारों की वजह से नही है दबदबा-ए-हिन्दी

     

  • गिला उन ना हुए रिश्तों का नही जिनमे रुस्वाई मिली
    गिला उन रिश्तों का है जो निभे....मगर तन्हाई मिली.

     

  • पहले योग को योगा बनाया...अब राम को रामा बना दिया
    मित्रों मै वो देश प्रेमी हूँ जिसने....न्यूज़ को ड्रामा बना दिया...

     

  • मित्रों मेरे दो हाथ है,पर मामला बड़ा टाईट है
    एक तो..पूरा लेफ्ट है और दूसरा पूरा राईट है.

     

  • ख़बर ना मिलें तो...भरोसा-ओ-ऐतबार बेचता है
    के वो अखबार छापता है...वो अखबार बेचता है.

     

  • ज़मीन जहाँ सॉलिड होती है........वहाँ....उसमे दरक़ नही पड़ता
    मेरे हिसाब से चलता हूँ...कौन क्या सोचता है फरक़ नही पड़ता..

     

  • पहले अखबारों में सबसे जरूरी मुखपृष्ठ था......अब वो जैकेट होता है
    नए मीडिया कर्णधारो के लिए सबसे जरूरी..नोटों भरा पैकेट होता है...

     

  • ज़िन्दगी किसी भी मोबाइल एप्प पे नही मिलती
    मिलती है मसले आपस में सुलझाने से
    अब ये पुराने वाले...जनरेशन गैप पे नही मिलती..

     

  • "ज़िन्दगी तो ..ज़िन्दगी है.....ये खुली हवाओं में मिलती है
    ना कि ट्यूशन सेंटरों के लेक्चरो की...दवाओं में मिलती है"

     

  • बेच देते है लोग जहाँ ज़मीर..केवल उम्मीदे लुत्फ में
    क्यो मानेगे हुक्मरान महगाई,वो तो खाते है मुफ्त में..

     

  • कि उतर जाने के...हर इश्तेहार के बाद
    खिल गए हम भी.....यूँ... बहार के बाद.

     

  • बड़े बड़े बड़बोलों के मुँह पे..ताले लग जाते है
    जब वो दरसल जिम्मेदारी वाले बन जाते है...

     

  • मुझे अज़माना महज उसके शुमारो में था
    और उसे याद करना.....मेरे खुमारो मे था...

     

  • गर तेरा साथ नही होता
    तो भी इश्क रूहानियत था..थामने को.....
    क्या मेरा हाथ नही होता..

     

  • बुरा सोचने से.....किसी का.....बुरा नही होता
    इंसान इंसान है...ठान ले....तो क्या नही होता...

     

  • छिपाना चाहता हूँ जिसे वो शख्स....देख ही लेते है
    मेरी शायरी में लोग तुम्हारा अक्स..देख ही लेते है.

     

  • राह्-ए-इश्क में समझौते है बहुत
    अहम रखने वाले.... रोते है बहुत.....

     

  • कर लिया...ख़ुद से किनारा ..पूछ लीजिये इश्क से
    और किसी का क्या बिगाड़ा..पूछ लीजिये इश्क से...

     

  • दिल अब...किसी से......सलाह नही करता
    क्या करे कोई किसी का भला नही करता

     

    अपनी ही अकल पर पड़े परदों से डरता हूँ
    दूसरा कोई मेरा......इतना बुरा नही करता...

     

  • हम हिज्र के मारे है......हमारा क्या हाल बदल जायेगा
    हाँ फकत इतना होगा.....इक और साल बदल जायेगा..

     

  • कही ना कही ये भी योगी है.....दिल को मेरे..लगता है
    कोई मोदी की तरह परिवार को...सत्ता से दूर रखता है

     

  • विरोध करिये कट्टरता का..मगर सहिष्णुता के साथ
    ख़ुद कट्टर मत बनिये....दूसरो की कट्टरता के साथ.

     

  • बात करो तो नए नए aaps की.....,वो भी......फ्री में आने वाले
    ये इंडियन बच्चे है भाइयो...गाय बकरी के चक्कर में नही वाले

     

  • मै तो पूरा ही खता हूँ...बाकी मेरी कोई खता भी तो हो
    तबीयत से रुठिये आप पर हमे कुछ.....पता भी तो हो.

     

  • अपना दिल रख के लाया हूँ....आपकी यादों पे
    कर लीजिये जो भी हिसाब किताब....बनता है

     

  • ज़िन्दगी भी एक फोटो एडिटर की तरह है
    हर काम...........एक कमांड पे होता है पर
    वो कमांड कब......और कहाँ जां के देनी है
    ये समझने में............उमर बीत जाती है

     

  • ज़िन्दगी ये सोच के जियो....कि इक टाइम लाइन रहेगी हमेशा
    बाकी तो इस जहाँ में.....जो भी आया है.........वो जायेगा जरूर..

     

  • के ज़िन्दगी में आगे.....बढ़ना सीखिये
    काम बहुत मुश्किल है..आसान नही है..

     

  • हाथ में कटोरा ले के...फिर रहे है अब....खुल्लम खुल्ला
    जिनको लगता था बदल जायेगी दुनिया...डंडे के जोर पे

     

  • 20 रुपये के पेट्रोल को मै 80 रुपये में खरीदता हूँ
    और बीच ये नरीमन का है.....चौक पटेल का है..??

     

  • माना कि तू...प्यार का सागर है
    हम भी..तेरे साइज की गागर है

     

  • लोग स्वर्ग में भी,देख देख जलते है
    हम नर्क में भी...मज़े इतने करते है...

     

  • चुप रहना भी कई बार.....बहुत कुछ करना होता है
    try कर के देखिये......इसमे ख़ुद को मरना होता है..

     

  • सबसे बुरा होता है.....दिल का साफ़ सुथरा होना
    हम रहे ना रहे...लेकिन...बाकी सबको बता देना...

     

  • कि ना खाया ना सूंघा....ना पिया
    नशा-ए-मोहब्बत जाने कैसे हुआ....

     

  • आस्तीनों में दुश्मनों को पाले हुए
    कहते है हम ख़ुद को सम्भाले हुए..

     

  • जिस बच्चे से माँ ने क्रैच की.....बदहाली का सब पता लगाया
    उसी पुत्र ने माँ को वृद्धाश्रम छोड़.....फिर ना कुछ पता लगाया.

     

  • के अंधविश्वासियो का भगवान पे.....copyright नही है
    पूजा ना करने वालों के लिए भी....वो दिन है...night है......

     

  • उलटा तेरी बरबादी का इल्ज़ाम....जब मेरे सर आया
    सीधी सीधी बात कर के.......मै और भी निखर आया...

     

  • ज़िक्र मेरा आया,तो नाम तेरा आया
    मैंने क्या खो दिया...और क्या पाया..

     

  • के...ख़ुद निपटा लेती है ज़मीन....प्राण निकल जाने के बाद
    लेकिन बहुत है मशक्कते....नई रूह दुनिया में लाने के बाद.

     

  • जिस बच्चे से माँ ने क्रैच की.....बदहाली का सब पता लगाया
    उसी पुत्र ने माँ को वृद्धाश्रम छोड़.....फिर ना कुछ पता लगाया..

     

  • कि मै तेरी आँख का आँसू था.......और तूने वहाँ से भी बहा दिया
    अब आँख से निकलने के बाद...फिर आँख में आऊ तो किस तरह

     

  • कि आँसू था मै तेरी आँख का....पर वहाँ से भी...फिसल गया
    मुझे वापस ना बुला हमनशी..मै निकल गया..तो निकल गया..

     

  • बेवकूफियों के पास....और लॉजिक से दूर् होते है
    इसीलिये हम इंडियन...पढ़ें लिखे बेवकूफ़ होते है

     

  • कि मै आइने में घुसा तो.....समझ में ये आया
    ख़ुद को नही देखा कभी.....कभी ना देख पाया..

     

  • के माना तेरी बात..मै ज़ीरो ही सही मगर..क़ाफिया....हीरो से मिलता है
    ग़ालिब ने भी कहा था शराबी हूँ....पर अंदाज़े बयाँ....फकीरों से मिलताहै...

     

  • किसने कहा.......उसूलों पे चलती है....???
    ये ज़िन्दगी है....फितूरो पे चलती है....!!!!!....

     

  • बिन धूप के....साये है......शायद नजर आए कभी
    छोड़ने वाले शायद...ख्वाबों में मिलें मिलाये कभी..

     

  • क्या पता था....कि बन के गम रहेंगे
    नही कहते वरना..कि साथ हम रहेंगे...

     

  • लहू बन जाता है करामात आँखों में
    तूफान दिल में तो,बरसात आँखों में..

     

  • नादां ख़ुद को.....आजमाने चले है
    कि माशूक़ को....समझाने चले है
    चिकनी है ये.....मोहब्बत की राहे
    फिसल फिसल के...ज़माने चले है..

     

  • के हासिल पे.....मुरव्वत नही
    इसलिए मिलती ज़न्नत नही....

 

  • दिल में है दर्द तो आंखों से छलछलाता क्यो है
    आँखों में रहने वाले...तेरा दिल से नाता क्यो है.

     

  • या तो आदमी/औरत..मोह में अन्धे होते है
    या फिर वो उससे...विछोह में अन्धे होते है.

     

  • कीचड़ में सूअर का...स्वर्ग होता है
    अपने अपने स्वर्ग...ये फर्क होता है..

     

     

  • पूजा करके मै ख़ुद को...खुशफहम नही करता
    ऊपर वाला बेवकूफियों पे.....रहम नही करता
    ख़ुद को देखता हूँ....बस वर्तमान के आइने में
    अतीत का और भविष्य का..वहम नही करता..

     

  • बारह रुपये में बीमा...और सौ रुपये में प्याज
    यारों मर के देखो.."अच्छे दिन" आ गए आज

     

  • बावजूद इसके कि...एक दिन मिट जाने वाले अक्षर रहेंगे हम सब
    आज के कैनवास पे लेकिन हमेशा अमिट हस्ताक्षर रहेंगे हम सब

     

  • "नंगा हो के नाचने से टॉफी मिलती है
    दर्ज सारे मुकदमों से माफी मिलती है"

     

  • ऐसा बढ़िया तजुर्बा मिला है...अपनों में
    कि अब जीता हूँ तो सिर्फ़.....सपनों में.

     

  • एक झोंके में आसमान पे.....दूसरे झोंके पाताल में
    भर्ती करा देंगे दिल यारों...पागलो के अस्पताल में..

     

  • शिकवा ना किया....गिला ना किया
    इश्क में बाकी..क्या क्या ना किया..

     

  • ऐसा हुआ है......सवेरा
    कि चिराग तले अंधेरा

     

  • लुत्फ ही अलग है.....समंदर के सफर का
    बद‍नसीब है कश्तिया...जो साहिलों पे रही...

     

  • हवाओ के विपरीत रुख भी कर सकते है
    कि हम पागल है...कुछ भी कर सकते है..

     

  • के हम चाहे कही रहे.. इस जहान में
    स्थाई पता...दोस्तों के दिलो जान में..

 

  • हालात कभी एक से नही रहते..बदलते रहते है
    दोस्तों बुरे वक्त में हारते नही.....चलते रहते है...

 

  • के मुझ से जो भी जुड़ा है...एक एक कर के जुड़ा है
    मेरे पास select all का....कभी option ही नही रहा..

     

  • कर्म ग़र..इनसान बना लेता है
    रस्ते.......भगवान बना देता है..

     

  • गुस्से को कचरे में डाल आया
    जब competetion नाल आया
    ये गेम है..... ठंडे दिमागों का
    मुझको याद....ये खयाल आया...

     

  • दोनों आँसुओं में नहाने लगेगे
    ग़र आप बीती...सुनाने लगेंगे..

     

  • मै लिखना नही चाहता... आप लोग मजबूर कर देते है
    सत्ता मिलते ही नेता ख़ुद को...जनता से दूर कर देते है...

 

  • मै हिंदुस्तान हूँ........हर बच्चे के दिल में मिल जाऊँगा
    बस एक शब्द...."रामप्रसाद बिस्मिल" में मिल जाऊँगा ..

     

     

  • UMMED-E-LUTF ME ........JAAN DENE KO TAIYAAR HAI........
    AAINAA DEKHA DO TO DUSHMANI MAANATE HAI LOG.

     

  • माना कि बहुत सारे.....तूफानों के तले है
    ये वो दिये है मगर..जो विचारों से जले है..

     

  • ख़ुद अपना ही अक्स था झील के पानी में
    हिज़्र में उस पर भी....पत्थर डाले है बहुत

     

  • रक्तदान ही उस दिन निशानी बनेगी
    युवा हिंदुस्ता की जब कहानी बनेगी.

     

  • उम्मीदें लुत्फ में चले जा रही है दोस्ती

वैसे दिल जानता है....वो बेवफ़ा है बहुत

 

  • कट्टर ब्राह्मण माँ के कारण.....धर्म से ये नाता रहा
    हर दूसरे दिन पूरी कचौरी और हलुवा मै खाता रहा

     

  • थोड़ा सा "मै"....ले के उठा था महफिल से
    के कोई काम ना आया....बस उसके सिवा .

     

  • उम्मीदे लुत्फ भी शय...बुरा नही है यारों
    "नारी पोस्ट"..फेसबुक पे....ये मिसाल है..

     

  • जो सिजदा-ए-पांव-ए-जल्लाद करते है
    वो भला कब कोई.....फरियाद करते है...

     

  • बहुत आसान है अलग थलग पड़ के.....तन्हा हो जाना यारों
    करिश्मे शायरी के मगर..सबको साथ ले के चलने में होते है...

     

  • मोहब्बत के लिए भी कोर्ट की...इजाज़त लेनी होती
    जरा सोचिये कि फिर आगाज़े मोहब्बत कैसा होता

     

  • हर भट्टे की ईंट..लगानी पड़ती है
    राह् जब अपनी....बनानी पड़ती है..

     

  • सितम-ए-महबूब कि संग पूरा मयखाना रखे
    पिलाते वक्त मगर...बूँद बूँद पे....पैमाना रखे....

     

  • हम कितने अकेले थे लेकिन दोस्तों
    आप मिल गए.....रास्ता मिल गया

     

  • मिलूंगी तुझे....पर मरने के बाद
    बोली जन्नत दुआ करने के बाद.

     

  • कोई गड्ढे में,कोई ज़मीन पे..कोई ऊँचाई पे खड़ा था
    और आप फकत ये देखते है कि कद किसका बड़ा था

     

  • दरअसल नज़र नज़र में..कर रही वो शय्यारी है
    लोग मुझे शायर समझते है..ये मेरी अय्यारी है

     

  • अँगरेजी बोल लेने वाला...बेहतर नही होता
    और ना बोल पाने वाला कमतर नही होता
    हम हिन्दी है और अँगरेजी की कद्र है हमे
    पर हिन्दी पे नाज़ है,और क्योकर नही होता

     

  • गनीमत है असल ज़िन्दगी......social medea नही हुई
    लोगो ने एक दूसरे को देख........मुस्कुराना नही छोड़ा है

     

  • बड़े बनने की चाह में
    हम कितने.....छोटे बन गए
    घर में भी खरे ना हुए
    बाज़ार में भी खोटे बन गए

     

  • किस्से को बदलने में...देर कितनी लगती है
    वैसे दरिया साहिलो को......कुछ नही कहते

     

  • नाकामयाबियो ने मुझे सिखाया इस क़दर
    कि मै प्रारब्ध का.....शुक्र-गुजार बहुत हूँ

     

  • शराफ़त से नवाज देने का आइडिया तो बहुत अच्छा है
    लेकिन नवाज शरीफ से ये मेंल नही खाता
    हम आप से मिलें और अमन ही अमन रहे बरकरार
    आपकी फौजी तशरीफ़ से ये मेल नही खाता

     

  • आसमान में चाँद दिखता है....मांद नही दिखती
    खुदा ऊपर है और......शैतान ज़मीन पे....

     

  • ये ज़मीन की दुनिया है....अपनी हस्ती पे ना इतराइये
    यहाँ नज़रिये के बादल चाँद सूरज तक को ढांक लेते है

     

  • मै दूर् भी हूँ उसी के......जिस के मै पास में हूँ
    जिसने गढा है मुझे...वो भी मेरी तलाश में है......

     

  • यदि दुनिया औरते चलाती तो देशों के बीच लडाईयां नही होती......
    केवल एक दूसरे से जलन के मारे बात नही करने वाले देश होते......!!!

     

  • कि नंगा नाच करने से...टॉफी मिलती है
    दर्ज़ सभी मुकदमो से....माफी मिलती है

     

  • बेबस ही बदनाम होता है यहाँ
    बुरा कौन है.....ख़ुद ही सोचिये......

     

  • प्यार कड़वा है,प्यार मीठा है....प्यार मिलन है... दूरी है
    प्यार जैसा भी है..... इनसान बनने के लिए.....जरूरी है

     

  • वो बात जो थी तू समझ गई.....और मैंने थी कभी कही नही
    मेरी ज़िन्दगी आज भी वही है,तू चाहे कह कि कभी हुई नही

     

  • विचारधाराये सब अच्छी है...कोई भी बेसिरपैर नही है
    लेकिन समझानेवालों के हाथो में....उनकी खैर नही है

     

  • कैसे तुमसे शिकायत करे कि हमे अब तुम नही मिलते
    तुम्हारे बाद यूँ गुम है कि ख़ुद को भी हम नही मिलते

     

  • कि रात ने कभी....सवेरा नही देखा
    सूरज ने कभी.....अन्धेरा नही देखा
    अपनी-अपनी हस्ती में कैद रहे हम
    ज़ख्म मैंने तेरा..तूने मेरा नही देखा

     

  • बस्ती-ए-दिल में लोग....अपना सामान छोड़ जाते है
    ज़ख्म भर के भी जैसे....अपने निशान छोड़ जाते है
    हस्ती-ए-दिल ही अपना fault-line के ऊपर स्थित है
    ऐसे भूकंप आते है लोग...खाली मकान छोड़ जाते है

     

  • तूफानो के थपेडों में भी जो शम्माए ना बुझी
    उन्हें अपनो ने ही.....एक फूँक में बुझा डाला

     

  • दुनियादारी में इस क़दर.....दबा हुआ हूँ मै
    कि अपने ही किरदार में भी...लापता हूँ मै..

     

  • ये तय है कि कुछ लोग जब......आईना देखेगे
    या तो आईना तोड़ देंगे.....या ख़ुद टूट जायेंगे

     

  • माना हम बहुत बुरे है...पर हम तो सिर्फ़ यही है
    आपको तो वहाँ भी दिक्कत है जहाँ हम नही है

     

  • कभी इजहार बन गए....कभी दीवार बन गए
    मेरे कातिल इश्क में..यूँ मेरे राज़दार बन गए ...

     

  • सिर काट के कोई...कायदे आज़म नही होता
    पाकिस्तान किसी के बाप की जागीर नही है
    पाकिस्तान में हर शख्स..आज़ाद है ज़ालिम
    तुम्हारी मौज बाकी मरे ये तो ताबीर नही है

     

  • हासिल जो है उस से...चल के देखेंगे
    हम अपने से आगे..निकल के देखेंगे

     

  • हमने अपने आप को..आइने में डरते देखा है
    क्योंकि इस अक्स को..रोज़ ही मरते देखा है

     

  • दरिया,जज़बातो का हो... ज़िल्लतो का ...या पानी का विपुल
    उफन जाने के बाद फिर ..........अपना रास्ता ख़ुद बनाता है

     

  • के हुक्मरानों को छोड़ दे..........आवाम को अपनी जान कहते है
    हम लोग एक है,ऐसा आवाम-ए-इंडिया और पाकिस्तान कहते है

     

  • छाती सौ बुलडोजर का वजन सह सकती है मगर
    दिल.....सौ गद्दों के नीचे पड़ी गाँठ सह नही पाता

     

  • इस क़दर दुनियादारी को निभा रहा हूँ मै
    अपनी ही हस्ती को भूलता जां रहा हूँ मै

     

  • दूसरे की मदद करने का समय किसी के पास नहीं है,
    लेकिन दूसरे के कामो में अड़ंगे डालने का समय सबके पास है !!

     

  • मै... मै हूँ...तुम तुम हो...और दुनिया खूबसूरत है
    अब बताओ कि क्या.....किसी और की जरूरत है.

     

  • मै केवल इंतज़ार था.....तुमने ये क्या किया
    मुझको भी धड़कता हुआ.....दिल बना दिया .....

     

  • अच्छा हुआ कर लिया तोड़ के किनारा विपुल
    दिल नही था किसी काम के....तुम्हारा विपुल.

     

  • इश्क का ज़ुलम देखिये....कि अब मुझे.. पतंग बना के उड़ाते है
    कभी खींच,कभी ढील..कभी तान...कभी ठुमकी.......मेरी लगाते हैं

     

    और तो और,किसी से भिडना होता है,तबतो इंतेहा हो जाती है
    मुझको उसमें फँसा कर के... आये-हाये पेचे भी.... मेरे लडा़ते है .

     

  • सर्द रातो में किसने बचा रखा है........???
    मैंने दर्द का अलाव जला रखा है....

     

  • उसने दिल्लगी से भी गर पुकारा....."विपुल"
    हमने मासूमियत से बोला.."तुम्हारा विपुल"...

     

  • छह भी वही और नौ भी...फर्क ज़रा नही होता (6 & 9)
    फर्क नज़रिये का होता है...कोई बुरा नही होता.....

     

  • परिन्दे को लगता है छोटा सा ही.....तो पर हमारा होता है
    लेकिन जब वो खोलता है पर...तो आसमान सारा होता है.

     

  • मेरे कातिल की बढ़ गई शोहरत........मेरे कत्ल के साथ
    अब तो पूरा शहर बेकरार है...कि उसके हाथों ही मौत हो.

     

  • धक धक करते है लफ्ज़ मेरे,.....जब तेरा फसाना होता है
    कलम धड़कती है मेरी...कि तेरा खयालो में आना होता है..

     

  • आइना मेरा अक्स हो नही सकता
    जो गुजरी है मुझपे...वो क्या जाने..

     

  • मेरी वापसी की सोचना भी मत
    मै आँसू हूँ...जो छलक गया...

     

  • एक बार मुस्कुरा दे.........तेरा जाता क्या है
    साल के आखिरी दिन तक....सताता क्या है..

     

  • हुस्न वालो की सताइश के..अंदाज़ गज़ब है विपुल
    हाल बदलते नही है........मगर साल बदल जाते है..

     

  • कुछ शराब का नशा है....कुछ साक़ी का है कमाल
    हम जैसे सादादिल....बहक गए कि बदला है साल...

     

  • मै अच्छा ना हुआ....बुरा ना हुआ
    क्या करूँ तुझसे...फैसला ना हुआ..

     

  • मना करने के बाद भी.....आ जाते है रोज़ रोज़
    तेरे खयाल भी अब मेरी..बात कोई सुनते नही.

     

  • इस बार हम अपना...नज़रिया भी बदल के देखेंगे
    झूठ थोड़े होगा....कि सब कहते है "साल नया है"

     

  • मूंगफली रेवड़ी..और गज़क जैसा मिले
    ये साल हमको मीठा...आप जैसा मिलें..

     

  • इक-दूजे के मोहरे सब हमने पीट दिए
    अब बाजी नई खेल....या हरा दे मुझको...

     

  • साहिल नही समंदर के वास्ते बना हूँ
    भले ही समंदर चाहे...तो डुबा दे मुझको.

     

  • एक नाकाम इंसान विपुल...शायर का चोगा ओढ़ के
    दिल में और दिमाग में.....घुसे जा रहा है क्या करे...???.

     

  • फैसले दिमाग से किए जाते है..दिल से नही
    इश्क़ मगर दिमाग को भी दिल बना देता है...

     

  • धर्म का परिवर्तन नही.......बल्कि घर वापसी कर ली मैंने
    हसीन बुतो को देख फिर से....क़बूल आशिक़ी कर ली मैंने...

     

  • मिला करते थे जो कभी....जुनूनो के साथ
    अदालत में मिलते है अब कानूनों के साथ.

     

  • भुखमरी-गरीबी के मारो ने................मज़हबों को जुदा बना लिया
    के जिस जिस ने भी दो रोटी की आस दी...सबों को खुदा बना लिया.

     

  • नीचे गुलाबो के फूलों के...छुरे रखे है
    सभी संभावनाओं के द्वार..खुले रखे है

     

  • मुझपे भी बीती थी यूँ हि तेरी तरह
    की आज तू भी रोया ना मेरी तरह...

     

  • मैंने तो तुम संग वफ़ा करी...तुमने मुझ संग ज़फा करी
    मैंने तुम संग क्या किया.....बदले में तुमने ये क्या करी.

     

  • औज़ारो के संग फिर अस्पतालों में जा के खुले
    पत्थर...जिन्हे हम दिल समझ के यहाँ पे खुले.

     

  • रो रो आँखों के आँसू भी अब सूख गए
    मंज़िल चल कर आई पर हम चूक गए..

     

  • हर रोज़ तेरा ही खयाल रहता है
    कौन से कर्ज़ की.. "EMI"....है तू...????

     

  • अरे भाई तू गम ना कर...अगर तुझसे जुदा है
    मेरे से लेले...मेरे पास बहुत सा extra खुदा है.

     

  • अफसोस ये नही कि ऐसा बड़ा ज़ख्म तूने दिया
    अफसोस ये रहेगा कि...ये ज़ख्म मुझे तूने दिया.

     

  • हम इश्क के मारो का मज़हब....मत पूछो
    था तो सही पहले कोई...पर अब मत पूछो..

     

  • दर्द ऐसा मिला की दुआ बन गया
    मौत ऐसी हुई.....की दवा बन गई..

     

  • "कैसे चुन्नी को संग तुम्हारे लपेटे देखा है...???
    जैसे चाँद को आज...सितारे लपेटे देखा है"....

     

  • मेरी शायरी मे "उसका" अक्स....नजर आ ही जाता है
    छिपाता हूँ जिसे वो ही शख्स.....नजर आ ही जाता है.......

     

  • बाज़ार में भीड़ और...हम सा तन्हा कोई नहीं
    रौनको का क्या करूँ मेरा तेरे बिना कोई नही.......

     

  • वो इश्क की कहानी इसलिए है मीठी.......मीठी
    बनी यूँ ये चाशनी कि दो दिल इसमे घुल गए....

     

  • विपुल तू आइने सा बेवफ़ा निकाला
    जिसको मिला...... उसी सा निकला.

     

  • पहले पहले की मोहब्बतें......याद तो कर
    जब बढ़ जाती थी धड़कने दीदार के साथ

    चुप रहना शर्म-ओ-लिहाज में वो विपुल
    और कोसना फिर ख़ुद को,इंतज़ार के साथ...

     

  • ये खयालो की दौलत है...बनी है लूट के ले जाने के लिए
    बैंक के लॉकर के लिए नही...है ये विपुल जमाने के लिए.

     

  • आसमान में ही उसने...अपना पैग़ाम रख दिया
    जुदाई में मेरे वास्ते....चाँद सरे शाम रख दिया...

     

  • लहरों ने तो भयानक.......ज़ोर डाल रखा है
    मांझी ने कश्ती को.....मगर संभाल रखा है.

     

  • जरा से फिजिकल होने में बुराई क्या है विपुल
    वो भी कोई इश्क है....जो दामन पाक चाहता है....

     

  • लाख तारे साथ थे.....जब उगा था आसमान में
    अब डूब रहा है तो सूरज के,अब संग कोई नही..

     

  • कभी विपुल नये मौसमो में रो देना
    कभी याद तुम पुरानी चाहते करना..

     

  • वहशते बढ़ती ही गई .............जुदाई के साथ
    अब तो बोलते भी नही,इश्क के राही के साथ....

     

  • जाने कैसे निभा लेते है लोग...नफरते यहाँ पर
    विपुल हमे तो रास ना आई मोहब्बतें यहाँ पर..

     

  • जुदाई के बाद भी हमे,.किसी का शिकार तो होना था
    बहुत से यार थे हमारे साथ.....दिलदार के अलावा भी..

     

  • कभी नजर नजर में मचल गया......कभी लड़खड़ा के संभल गया
    वो बन के लम्हा ऐतराज का....बिल्कुल पास से मेरे निकल गया

     

  • उस शहर में हुआ इश्क हमे.....दिलदार के साथ
    चुनवा देते है जहाँ आशिकों को दीवार के साथ..

     

  • अच्छा नही लगा शुरू में......लगा यहाँ रहना नही अपने बस में
    सोचते थे की भाग चले क्या,रहे हम...ओह नो......ओह यस में

     

    अक्खड़पन समझा तो जाना,की प्यार छिपा इसकी नस नस में
    क्या रहते जीवन रस के बिन, और रुक गए हम.....बनारस में...

     

  • की हरेक शय ने यहाँ मेरे साथ में......कमाल रखा है
    दोस्त हो या खुदा,सब ने झूठे वादों संग टाल रखा है.

  • या तो पुरस्कार पाने वालों की...........lobby देख लिजिये
    या मेरी व्यवस्थाओं से भिड़ने की... hobby देख लीजिये.

     

     

  • हमको जो आज ख्वाब में भी...तेरी दीद हो जाए
    कसम से कहता हूँ मेरे चाँद...मेरी ईद हो जाए...

     

  • जब तक गम है बाकी
    तब तक दम है बाकी
    माना होश खो चुके हम
    पर जाम कम है साकी...

     

  • यही है जहाँ में ......दास्तान-ए-आबादी
    सांसो की जंजीर में बंधन की आजादी.

     

  • अपने पास हर-एक नाम की...कॉपी-किताब रखता है
    वो ऐसा खुदा है जो बन्दगी का भी हिसाब रखता है..

     

  • जो कभी ख्वाब थे..फूलों के जैसे
    चुभ रहे हैं अब वो शूलों के जैसे..

     

  • मयकशी में चिरागे-दिल
    अंधेरों के नाम रख दिया
    उसने जब नजर फेर ली
    मैंने भी जाम रख दिया..

     

  • डाल पे रहते थे और कहते थे..."ऐ पेड़"..आयेंगे हम तारे लेकर
    कट के गिरते ही......सबसे पहले आए वो....हाथों में आरे लेकर.

     

  • जो मर चुके हो बार बार......वो इक बार और से डरा नही करते
    घायल रूह लेके घूमनेवाले.... जिस्म की चोट से डरा नही करते..

     

  • barkhaast hotaa nahi suspension kaa naatak kamaal ho jaataa hai
    meraa gam sarkaaree naukar saa har baar fir bahaal ho jaataa hai....

     

  • इससे पहले के मर जाएँ या फिर............पागल हो जाएँ
    ऐ दोस्त छिपा ले हमें,कि तेरी आँखों का काजल हो जाएँ...

     

  • बँटती है जब दरबार में...खैरात दोस्तों
    लग जाती है शायरो की..जमात दोस्तों

    कहते हैं हम तो दिल की....बात दोस्तों
    दरबार में हमारी क्या....औकात दोस्तों..

     

  • हंस के बात कर ले और मुझको खरीद ले
    वरना मेरी कीमत इतनी है कि तू खरीद नही सकता...

     

  • की हरेक शय ने यहाँ मेरे साथ में.......कमाल रखा है
    दोस्त हो या खुदा,सभी ने झूठे वादों संग पाल रखा है........

     

  • एक सूरज डूबेगा.....तो हजारों और उग जायेंगे
    शायर हमेशा जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठायेंगे......

     

  • शायर है और देखना...शायरो सा इंसाफ कर के जायेंगे
    मेरे क़ातिलो देख लेना...हम तुम्हें माफ कर के जायेंगे...

     

  • जाता हूँ पर देख लेना......जब आयेंगी तुम पे तन्हाईयाँ
    तब तुम्हें हर ओर से...घेर लेंगी............मेरी परछाईयाँ...

     

  • देखिये उनके साथ में कैसे कैसे
    हो जाते हैं कि यहाँ पर ..."कमाल"...ऐसे ही
    मै फँस गया हूँ तो मेरी किस्मत है
    वर्ना उन्ने तो फेंका था...."जाल".......ऐसे ही....

     

  • अपने आँसुओं से ही.....सब दाग दिल के धो लिए
    इक पेड़ पे तेरा नाम लिखा,और लिपट के रो लिए.....

     

  • की एक तो तेरी ज़ुल्फ ये काली भी कयामत है
    और उसपे चेहरे की....ये लाली भी कयामत है...

     

  • कब सुनते है वो मेरी...हाँ कभी कभी फँस के सुनते है
    तब भी मै रो के कहता हूँ.....और वो हंस के सुनते हैं...

     

  • पहले तो जान के पत्थर,ज़हर को पिलाया तूने
    फिर बोल के भोले-शंकर...बेवकूफ़ बनाया तूने.

     

  • इस शहर में हरेक जगह...बाज़ार है दोस्तों
    मुड़ते ही तुम्हारी पीठ पे,इश्तेहार है दोस्तों

    वक़्क्त आने पे हम दिल खोल के दिखा देंगे
    वेलेंटाइन डे पे देखना,कि हमे प्यार है दोस्तों

     

  • हाये क्यों उम्र लगी,जाने से जाते जाते
    काश...तेरी जुदाई के साथ ही मर जाते...

     

  • मज़बूरियाँ थी उनकी...और जुदा हम हुए
    तब भी कहते है वो....कि बेवफ़ा हम हुए...

     

  • रहा नही गया जब सहते सहते
    शायर हो गए तब कहते कहते...

     

  • ज़िन्दगी का ऐत्बार क्या
    फिर आई तो बहार क्या...

     

  • ऐसी भी इक राह् हो...जो तुझ तलक़ हो
    जहाँ भी निगाहे जाएँ बस तेरी झलक हो

    अपनी आंखों की तरह कैद कर लीजिये
    कोई हो जो संग मेरे....तो तेरी पलक हो.

     

  • कुछ तो हैरानी है,और कुछ परेशानी है
    खामोश निगाहें हैं या बोलती कहानी है.......

     

  • कितना आसाँ था........तेरी यादों में जल जाना
    लेकिन ज़िन्दगी हमने गुज़ारी सुलगते सुलगते....

     

  • मैंने माँगी थी किस्मत....तो कलम और डायरी दे दी
    खुदा ने मेरे सजदों के,बदले में मुझे.......शायरी दे दी.....

     

  • मैंने माँगा जो गुड़लक...तो पेन और डायरी दे दी
    खुदा ने मेरी प्रेयर्स के बदले में,मुझे शायरी दे दी.....

     

  • जो साथ "थे" वो जुदा हो गए
    जो साथ "हैं" वो खुदा हो गए
    अब मत पूछियेगा....मुझसे
    के दोस्त कहाँ.."हवा" हो गए.

     

  • अपने दिल को,यूँ वीरान बना डाला
    गाड़ के यादें...कब्रिस्तान बना डाला..

     

  • नरमो नाज़ुक हाथ में जैसे एक छाला है
    की मेरा जिक्र भी यूँ उसे रुलाने वाला है....

     

  • बदल जाते हैं होंठों तक मिजाज आते आते
    कि जाने अब कैसी मिले शराब आते आते......

     

  • ऐसे सुलगते रहने से तो.......बेहतर था मर जाना
    तू जानता नही मुझ पे,क्या बीती है यूँ रोशन होके......

     

  • ज़िंदगी में तेरी याद की परछाइयाँ
    शाम होते ही फिर साथ तन्हाईयाँ.......

     

  • नशे-पते की हालत में तकिये से चिपट के सो लिए
    इक पेड़ पे लिखा नाम तेरा..और लिपट के रो लिए.....

     

  • आज इस शहर में....मेरा पता कुछ भी नही
    और हाँ,इस सब में तेरी खता कुछ भी नही...

     

  • हवा बनके पानी में..........फना हो जाइये
    कुछ बुलबुले....लेकिन फिर भी रह जायेंगे...

     

  • मोहब्बत के सौदागरों को वफ़ा के बदले
    इश्क की आजकल गुंजाइश नही लगती...

     

  • अतीत की बंजर ज़मीन में,मै यादें गाड़ आया था
    और आज हम तेरी उन्ही यादों की खेती करते है....

     

  • इंतज़ार में मेरे.....जब तुम खड़ी थी
    पैरों में मेरे तब........बेडि़या पड़ी थी....

     

  • मेरी खामोशी से परेशान

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