Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

दो शिशुओं की जीवन क्रीड़ा

 

 

शादी!
ईश्वर के आँगन में प्रफुलित
दो शिशुओं की जीवन क्रीड़ा।

 

श्वेत-श्याम अस्पष्ट चित्रों को
पूर्णकर, संग भरने की रागी
सहज प्रतिस्पर्धी, प्रक्रियात्मक पीड़ा।

 

रंग भरे चित्रों की
चटक, उजास कालजयिता को
बनाए रखने की जीवटता,
एक जद्दोजहद भरा बीड़ा।

 

वक्त के मजबूत संदूक में संरक्षित
सर्जित इतिहास चित्रों को
प्रवाह में सौंपने की वैश्विक लीला।

 

****

 

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ