Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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रोटी से जूझते बच्चा जवान हो गया !

 

रोटी से जूझते बच्चा जवान हो गया !
भूख का पेट पर गहरा निशान हो गया !!

 

 

सरकारी नौकरी मिली अब तो चाँदी है !
एक साल में कच्चे से पक्का मकान हो गया !!

 

 

ग़रीब की क्या ख़रीदारी क्या खर्चना है !
रूपये पचास में पूरा सामान हो गया !!

 

 

टिकट ले लिये घुस गये अगली ट्रेन में !
गाँव का सफर मेरा भेड़िया धसान हो गया !

 

 

मर गये ग़रीब बीस अगर, कोइ गल नहीं !
नेता जी मरे तो "साँझ" पूरा तूफान हो गया !!

 

 

सुनील मिश्रा "साँझ"

 

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