Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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" बच्चे होते दिल के सच्चे"

 

" बच्चे होते दिल के सच्चे"


उनसे मिलकर हम सीखे,
भेद - भाव रहित  लिखें!
बच्चे दिल के होते सच्चे,
हृदय से भोले मन के अच्छे।

दिल की करनी होगी बात,
तुम सब देना मेरा साथ।
बच्चों कहो हम हैं तैयार,
मिलकर सभी करेंगे बात।

सुनो गौर से पूरा आज,
सीमा पर सेना सरताज।
हम सभी भारत की संतान,
वन्दे मातरम् करता गान।

ऊंचा रखते देश का मान,
वैज्ञानिक हमारे बड़े महान।
राष्ट्र पर हमें है स्वाभिमान,
जन गण मन मेरा राष्ट्रगान।

चाणक्य - याग्य0  ज्ञानवान,
दुनिया उनका करती सम्मान।
राणा - शिवा की हम संतान,
 भारत का तिरंगा हैं सम्मान।

सौंदर्य काव्य में बड़े  विद्वान,
कालिदास कृत काव्य महान।
प्रकृति हमारी बहुमूल्य थाती,
निशुल्क हम लोगों पर राजी।

सिद्ध रामजन्म भूमि ज्ञानवान,
अयोध्या दरबार वशिष्ठ विद्वान।
बाल्मीक का अध्ययन काव्य,
कर्तव्य और सच्चाई भरा ज्ञान।

ब्यास जी दुनिया के महाकवि,
आध्यात्म व भक्ति उनमें छवि।
नारद भक्ति दुनिया में महान
भगवान विष्णु का किया ध्यान।

सुरुचि पुत्र ध्रुव जब था नादान,
नारद के पास से बात भगवान।
 प्रेम भाव से ध्रुव भजा भगवान,
उत्तान, पुत्र सिद्धि अभेद्य महान।

- सुख मंगल सिंह

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