Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

निबंध - प्रबंध

 

" निबंध - प्रबंध"


निबंध का अर्थ होता ही है गढा हुआ,
वह कसा हुआ और बना हुआ होता।
जो बधता है वही निबंध कहलाता,
शब्द कल्पद्रुम हमें यही है बतलाता।
सीना या संवारना अर्थ है निबंध का,
हस्तलिखित पहले समय सीकर रखते।

गद्य को इसीलिए कवियों की कसौटी कहा जाता है,
प्रौढ़ भाषा की व्यंजना शक्ति के विकास की द्यौतक है।
गद्य की प्रौढता भाषा के सौंदर्य को बढ़ाता है,
निबंध एक नया शक्तिशाली रूप विधान है।।

बाद गद्य के आविर्भाव के अंतरंग में पुन:
कथा, कहानी, नाटक और उपन्यास आदि !
निबंध की परंपरा हिंदी में बहुत पुरानी है,
आधुनिक गद्य का यह एक नया प्रकार है।
हिंदी की अधिकांश विरासत संस्कृत से प्राप्त हुई,
हिंदी साहित्य के वृहद इतिहास से लोगों को ज्ञात हुई।।

गद्य का ऐश्वर्यमय पूर्ण विकास जब तक नहीं होता,
प्रारंभिक दिनों में निबंध रचना के दर्शन नहीं होते!
सभी भाषाओं में अध्यात्मिक रचनाएं पहले आई,
भारतीय भाषाओं के इतिहास यही सभी हम पाए।।

संस्कृत में निबंध प्रयोग सूक्ष्म रूप दार्शनिक-
विश्लेषण के अर्थ में ही किया जाता था।
हर किसी ऐश्वर्यामई मौलिक रचना को,
चाहे वह गद्य अथवा पद्य में ही लिखा जाता।
संस्कृत साहित्य उसे निबंध या प्रबंध कहता,
कसा हुआ और बधा हुआ है निबंध  कहलाता।।

- सुख मंगल सिंह

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ