काशी हिंदी विद्यापीठ वाराणसी का प्रथम अधिवेशन वृंदावन में कामाख्या देवी का मंदिर निर्मानाधीन
अधिवेशन के दौरान काशी हिंदी विद्यापीठ वाराणसी केक कुलाधिपति और कुलपति की उपस्थिति मेंसंतों और बद्धिजीवियों को वृंदावन में वाचस्पति सारस्वत सम्मान से दर्जनों संत महात्मा और बुद्धिजीवियों को अंग वस्त्र, सम्मान पत्र , मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कुलाधिपति ने गुरुकुल की स्थापना पूरे भारत में स्थापित करने के लिए संतों से निवेदन किया।
जिसमें शास्त्र और शास्त्र विद्या हमारे प्राचीन काल से जैसे आ रही है उसे आधुनिक बनाकर पढ़ने की आवश्यकता पर बोल दिया। और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए भी संतों तथा बुद्धिजीवियों से आग्रह किया इसमें आगे आकर काम करने की आवश्यकता है।
कहां जाता है कि कामाख्या देवी की पूजा वृंदावनम नहीं की जाती है, कामाख्या देवी का प्रमुख मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है। वृंदावन में राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। वृंदावन के प्रमुख आकर्षणों में बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, और कृष्ण बलराम मंदिर शामिल हैं।हालांकि, अगर आप कामाख्या देवी पर एक रचना प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यहाँ एक संभावित रचना है:कामाख्या देवी की रचना:कामाख्या देवी, एक ऐसी शक्ति जो सृष्टि की रचना और पालन करती है,एक ऐसी शक्ति जो महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक है।नील पर्वत पर स्थित, कामाख्या देवी का मंदिर एक ऐसा स्थान है,जहां भक्त अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर आते हैं और देवी की कृपा प्राप्त करते हैं।कामाख्या देवी की पूजा, एक ऐसा अनुष्ठान है जो महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है,और भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आनंद प्रदान करता है।कामाख्या देवी, एक ऐसी शक्ति जो सृष्टि की रचना और पालन करती है,एक ऐसी शक्ति जो महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक है।यह रचना कामाख्या देवी की महिमा और उनके महत्व को दर्शाती है, और भक्तों को उनकी पूजा और अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।वृंदावन में कामाख्या देवी की पूजा नहीं की जाती है, फिर भी कामाख्या देवी के मंदिर के निर्माण के लिए डॉ. तारासुत मनुश्री सिद्धनाथ महाराज जो काशी हिंदी विद्यापीठ वाराणसी के उप कुलपति वृंदावन मथुरा उत्तर प्रदेश के नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने घोषणा की है कि अपने आश्रम में काशी हिंदी विद्यापीठ के लिए एक हाल और कार्यालय बनाकर देंगे जो काशी हिंदी विद्यापीठ के नाम पर रहेगा। और घोषणा की है कि गुरुकुल की भी स्थापना वृंदावन में भविष्य में की जाएगी। कामाख्या देवी का प्रमुख मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है। वृंदावन में राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। वृंदावन के प्रमुख आकर्षणों में बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, और कृष्ण बलराम मंदिर शामिल हैं।हालांकि, अगर आप कामाख्या देवी पर एक रचना प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यहाँ एक संभावित रचना है:कामाख्या देवी की रचना:कामाख्या देवी, एक ऐसी शक्ति जो सृष्टि की रचना और पालन करती है,एक ऐसी शक्ति जो महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक है।नील पर्वत पर स्थित, कामाख्या देवी का मंदिर एक ऐसा स्थान है,जहां भक्त अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर आते हैं और देवी की कृपा प्राप्त करते हैं।कामाख्या देवी की पूजा, एक ऐसा अनुष्ठान है जो महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है,और भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आनंद प्रदान करता है।कामाख्या देवी, एक ऐसी शक्ति जो सृष्टि की रचना और पालन करती है,एक ऐसी शक्ति जो महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक है।यह रचना कामाख्या देवी की महिमा और उनके महत्व को दर्शाती है, और भक्तों को उनकी पूजा और अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।।- सुख मंगल सिंह- वाराणसी- 8931966034- 9452309611Sukhmangal Singh
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