Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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उजडल हमार बहार बा तोहरा के का कहीँ

 

उजडल हमार बहार बा तोहरा के का कहीँ।
घायल हमार प्यार बा तोहरा के का कहीँ।



माँगे बिना ही तोहरा के दे दिहनी जान हम।
गलती सभे हमार बा तोहरा के का कहीँ।


 

ज़िल्लत सहे के वास्ते तोहरा से जानेमन।
जिनगी मिलल उधार बा तोहरा के का कहीँ।



 

दारु थमाके ओकरा तु नोचऽ हमार बदन।
पापी हमार भतार बा तोहरा के का कहीँ।



 

तोहरा निअन ही बेहया लइकिन के देँह के।
लागल ईँहाँ बाजार बा तोहरा के का कहीँ।



 

इज्जत हमार लुटिके घुमे लऽ तु आजाद।
कानुन ही गँवार बा तोहरा के का कहीँ।



 

सीना मे हमरा सउ दफा खँज़र उतारऽ 'शिव'।
किस्मत हमार बेकार बा तोहरा के का कहीँ।


 

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