Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जिन्होंने देश पर लूटा दी धधकती जवानी

 

जिन्होंने देश पर लूटा दी धधकती जवानी।

लिपटी हैं धूल से उनकी प्रतिमाएं आज-कल।।


बेहिचक न्योछावर हुए थे जो हजारों बलिदानी।

क्या इसी दिन के लिए, जो है‌ सामने आज-कल।।


भटक रहे परिजन ,है दुखद उनकी कहानी।

देशद्रोहियों की सहायक हुई,राजनीति आज-कल।।


फिरंगियों के तलवे चाटते थे जो द्रोही दर-दर।

कुर्सियों पर मार कुंडली बैठें हैं वो आज-कल।।


लूटने-लूटाने में जो व्यस्त रहे सदियों तलक।

स्वतंत्रभारत में गिरगिट सा रंग बदल रहे आज-कल।।


पद-पैसे के लिए करवाते थे, जो देशभक्तों का कतल।

देशभक्ति का स्वांग रचा रहे हैं वह आज-कल।।


जिनकी पीढ़ियां रहीं देशद्रोह में तर-बतर।

देश भक्ति के जुमले वह सुना रहे आज-कल।।


लूटने-लूटाने में जो व्यस्त रहे सदियों तलक।

स्वतंत्रभारत में गिरगिट सा रंग बदल रहे आज-कल।।


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#क्षात्र_लेखनी @SantoshKshatra







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