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Dr. Srimati Tara Singh
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व्यसन मुक्ति

 
व्यसन मुक्ति :दृढ़ इच्छाशक्ति जाग्रत करें   
तंबाकू ने बड़ा दुर्व्यसन का धारण कर लिया है| बच्चों से लेकर वृद्ध तक इसे मुख से भरे मिल जाएंगे|भोजन लार से पचता है |तंबाकू का प्रभाव रक्त पर पड़ता है|मुख से बदबू आने लगती,इसके परिणाम स्वरूप आँख की रोशनी कम हो जाना ,छयरोग ,ह्रद्य रोग ,नपुसंगता ,पागलपन ,मुँह सड़ना,कैंसर जैसी घातक बीमारिया आ सकती है | साथ ही तंबाकू मांगने की आदत पड जाती है | तंबाकू को पुर्तगीज लोग इसे यहाँ लेकर आये थे |सर्वप्रथम कोलम्बस ने अमेरिका में वहाँ के निवासियों को तंबाकू पीते देखा था|संसार का कोई भी पशु-पक्षी इसके पत्ते नहीं खाता,मुँह तक नहीं लगाता केवल एक प्रकार का कीड़ा है, जो तम्बाकू के पत्ते पर पैदा होता और पत्तों को खाता है|वैज्ञानिकों ने तंबाकू में छः प्रकार के विषों का पता लगाया है|निकोटिन,प्रुसिक एसिड,पाइरीडीन,कोलीडीन,एनोमिया,कार्बनमोनोऑक्साइड इसके अलावा और भी विष निकलने की संभावना है|तंबाकू की खेती की जाने से अनाज की खेती का अनाज उत्पादन भी प्रभावित हुआ है |पशुओं के लिए चारे का संकट दिनों दिन गंभीर होता जा रहा है |चारे का उत्पादन में कमी आने से पशुओं पर इसका प्रभाव देखा गया है|जैसे दूध का कम होना,बाजार से महंगा चारा पशुओं को पर्याप्त मात्रा में ना खिला पाना आदि कई कारण रहे है|तम्बाकू का सेवन इंसान मुख्य रूप से इन कामों के लिए करता है.ऐसा तंबाकू सेवनकर्ताओ का मानना है-शौच जाने के पहले ,भोजन करने के बाद ,रात को जागते समय ,पेट की गैस को कम करने के लिए|धूम्रपान का धुँआ पर्यावरण औऱ इंसान की सेहत बिगाड़ रहा है। यदि व्यक्ति अपनी,अपनों की एवं सारे संसार की खुशहाली जिंदगी चाहता है तो उसे आज से ही तंबाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए | दृढ़ इच्छाशक्ति के बिना इसे छोड़ा नहीं जा सकता है | अपनी व अपने परिवार की खुशहाली के लिए तंबाकू ,धूम्रपान से दूर रहने का प्रयत्न करना चाहिए | 
संजय वर्मा "दृष्टि "
125  बलिदानी भगत सिंह मार्ग 
मनावर जिला धार (म 

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