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Dr. Srimati Tara Singh
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नशा नरक का द्वार है

 

नशा नरक का द्वार है


नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाला नुकसान हमारी कल्पना से कहीं अधिक घातक और जानलेवा होता है। खास तौर से युवाओं के बीच नशीले पदार्थों के सेवन का बढ़ता चलन अब एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है।किसी भी प्रदेश का भविष्य और तरक्की वहां के युवाओं पर टिकी होती है। देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते पर चली जाए तो निश्चित तौर पर उनका जीवन अंधकारमय हो सकता है। नशे का मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी बुरा असर पड़ता है।नशीले पदार्थो के सेवन के कुछ उदाहरण भी देखने को मिलते है |कुछ लोग शराब पीकर रातों को बने शहंशाह सुबह हो जाते भिखारी बच्चे स्कूल जाते समय पापा से मांगते पॉकेट मनी ताकि छुट्टी के वक्त दोस्तों को खिला सके चॉकलेट| फटी जेब और खिसियानी हंसी बच्चों को दे न पाती पॉकेट मनी और उनके लिए कभी कुछ कर न पाती बच्चों के चेहरे की हंसी को छीन लेती  और उजाड़ जाती  जिंदगी में बने हुए ख्वाब।ऐसी कई परिस्थियाँ निर्मित होती है | जिससे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता ही है साथ ही आर्थिक स्थिति भी कमजोर बनती है | नशीले पदार्थो के बढ़ते चलन पर अंकुश लग्न चाहिए | इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए  मध्यप्रदेश में कई संस्थानों द्वारा नशामुक्ति अभियान’ चलाया जा रहा है।जो प्रशंसनीय है | 

संजय वर्मा "दृष्टि "

मनावर जिला धार मप्र 

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