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बाग की बौद्ध गुफाएं

 
बाग की बौद्ध गुफाएं

 छुट्टियों में यात्रा करने की योजना बनाई।यात्रा प्राचीन गुफाओं को देखने को थी।यात्रा पूरी होने के पश्चात वहाँ जाने का वर्णन कुछ इस प्रकार है।मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के धार जिले के विकासखंड बाग़ के समीप लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर 5 वी -7 वी सदी में निर्मित 12 बौद्ध गुफाएं है । इनकी बनावट अजंता -एलोरा ,श्रीलंका ,बौद्ध गुफा की लगभग एक समान है । गुफाओं में मूर्तियां ,लाइट रिफ्लेक्टिंग पेंटिंग आकर्षकता का केंद्र है।यहाँ पर सुन्दर बगीचा ,संग्रहालय बना हुआ है।इसके पास ही भीम की डेढ़ बाटी विशाल पत्थर की नदी में दिखाई देती है एवम भीम का चट्टान पर पांव की आकृति बनी हुई है । अर्जुन  कुआँ भी है यहाँ पर जल कभी ख़त्म नहीं होता है।बागप्रिंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार हासिल है।बेहद कलात्मक प्रिंट से निर्मित वस्त्र आकर्षण का केंद्र है।बाग नगर में ही पहाड़ी पर किला निर्मित है । गुफा के समीप डायनासोर पार्क निर्माण किया जा रहा है ।इस स्थान पर शोध कर्ताओं द्धारा काफी संख्या में डायनासोर के अंडे मिले है साथ ही अन्य जीवाश्म भी प्राप्त है । भगोरिया पर्व भी  मार्च में होता है देखने लायक है। बाग से धार ,मांडव,महेश्वर ,जैन तीर्थ मोहनखेड़ा(राजगढ़ ) ,बड़वानी (बावनगजा ) एवं अन्य प्राचीन दर्शनीय स्थल की दूरी ज्यादा नहीं है।यहाँ के मनमोहक दृश्य बेहद लुभावने है ।यदि मांडव आते है तो बाग़ में बौद्ध गुफाएं भी देखे। 
संजय वर्मा "दृष्टि  "
मनावर जिला धार 

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