Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हमें उनसे मोहब्बत है

 
तेरे लिए......

राज! कैसे उन्हें बताएं कि हमें उनसे मोहब्बत है।
          हमारी खामोशियाँ सिर्फ उनका इंतजार करती हैं।

कभी वो हमें मिलें तो उन्हें दिल के सारे राज बताएंगे।
          हमारी मोहब्बतें तो सिर्फ मोहब्बत नही इबादत है।

डरते हैं उनके बेदाग दामन  कही रुसवा न हो जाये।
          इस खातिर उन्हें  मन मंदिर की देवी जैसे पूजते हैं।

हमारी चाहत में गर पाकीजगी है वो आएंगी जरूर।
          ऐ सोनू !राज को उन खुशनुमा लम्हों का इंतजार है।

हमें भी मालूम वो भी हमें दिल ही दिल मे चाहते हैं।
         मगर मोहब्बत कहीं बदनाम न हो जाय चुप रहते हैं।

आँखें उनकी हमारी मोहब्बतें नजाकत बयाँ करती है।
         लगता है अपने दिल में दर्द का सैलाब छुपाए बैठे हैं।

कहते हैं  सच्ची मोहब्बत हमेशा ही इम्तिहान लेती हैं।
       उनसे मिलने की उम्मीद से ही राज की साँसे टिकी हैं।

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