Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

उद्यमी

 

उद्यमिता एक उद्यमी होने का कार्य है !उद्यमी या मालिक,एक व्यापार (उद्यम)के प्रबंधक हैं जो जोखिम और पहल के माध्यम से पैसा बनाते हैं !उद्यमी कई कारणों के लिए उद्यम चलाने की या स्वयं के माध्यम से प्रबंध करने की जिम्मेदारी लेते हैं,जैसे की

(१) कुछ अपना मालिक स्वयं होने के भाव को प्रधानता देते हुए उद्यमी होना पसंद करते
हैं
(२) दूसरों के द्वारा प्रबंध से कार्यस्थल के नाटक से बचने लिए
(३) कुछ महसूस करते हैं की कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है

स्वयं के ज्ञान वाले क्षेत्र,दृढ संकल्प,प्रतिभा,बुरी स्थतियों से उबरने की क्षमता,विश्वसनीय साथियों और सहयोगियों का सहारा आपूर्ति और मांग,और भाग्य एक सफल उद्यमी बनने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हैं !

उद्यमी फर्म या संगठन गठित करता है और प्रबंधकीय स्टाफ का चयन करके नेतृत्व के गुणों को दर्शाता है,उद्यमी मांग के कारण जनसँख्या से उभरते हैं !वे उपलब्ध अवसरों का अनुभव करते हैं एवं दिखाते हैं की वह अच्छी तरह से उन का लाभ लेने के लिए तैनात हैं !एक उद्यमी स्वयं को पहचान सकता है की वह किसी भी समस्या को हल करने में सक्षम है!

रचनात्मक,विनाश परिवर्तन में शामिल उद्यमिता गतिविधि हर बार एक नई या,उत्पाद,या कंपनी के बाज़ारों में प्रवेश करती है !एक व्यक्ति के द्वारा उद्यमी बनने के निर्णय पर सबसे महत्वपूर्ण के कारण है कार्यस्थल,साथी,और सामाजिक सरंचना| उद्यमियों के द्वारा कुछ नया करने की क्षमता के कारक हैं,जोखिम लेने की प्रवर्ती,उद्यमी बनने के जन्मजात लक्षण एवं बहिर्मुखता!अभिनव परिवर्तन, नवीनता, रचनात्मक कार्य करने की क्षमता ,नई प्रौद्योगिकी को शुरू करने की कार्य कुशलता और उत्पादकता बढाने के लिए नए उत्पादों या सेवाओं को बाज़ार में लाना उद्यमी की विशेषता होती है!उद्यमी आर्थिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक हैं |

अनुसन्धान के द्वारा यह पाया गया है कि उद्यमी अत्यधिक लाभ या इनाम पाने की लालसा के कारण रचनात्मक एवं परिणाम शील काल्पनिक होते हैं| कार्मिक जटिलता एवं शोध अध्ययन के बीच सामंजस्य की कमी है जिस कारण से उद्यमी विशेषताओं एवं व्यक्तित्व लक्षण के प्रभावों का सूक्ष्म अध्ययन कठिन होता है |

परन्तु अधिकांश अध्ययन सहमत हैं की उद्यामिओं के अन्दर कुछ गुण स्वाभाविकतः विद्यमान होते हैं और वह गुण वातावरण से प्रभावित होते हैं|

मनोवैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है की पुरुष एवं महिला उद्यमियों की मानसिक प्रवृत्ति अधिकांशतः भिन्न नहीं अपितु समान होती है |कथित लिंग भेद का कारण लिंग आधारित रुडिबाधिता हो सकता है | कामो के वर्गीकरण के द्वारा यह पाया गया है की उद्यमी व्यव्हार सामाजिक एवं एवं आर्थिक कारणों पर निर्भर रहता है|

उदाहरण के लिए मजबूत एवं स्वस्थ "विविध श्रम बाज़ार" पर आधारित देशों में महिला उद्यमिता अवसर पर आधारित होती है,बहुत ज्यादा आवश्यकता पर आधारित नहीं होती है| अनुभवजन्य अध्ययन का सुझाव है की महिला उद्यमी के अन्दर बातचीत कौशल एवं सर्व सम्मति बनाने की क्षमता होती है |
सेड मेप का प्रमुख लक्ष्य है वह उद्यामियता के गुणों को बढ़ावा दे एवं समाज को नई दिशा मिले | इति


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