Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वतन के नौजवां है हम

 

वतन के नौजवान हैं हम
वतन पे जा लुटा देंगे
वतन के रास्ते में जो आए
कसम से उसे हम मिटा देंगे
वतन के नौजवान है हम
हममे एकता है इतनी
जो तोड़े टूट न पाती है
भरा है विश्वास जो हममे इतना
फौलाद भी आके बिखर जाती है
जो देखे दुश्मन हमारी तरफ
आंखों से उसके रौशन चुरा लेते हम
वतन के नौजवान है हम
न जाति हममें न मजहब है
वतन के सभी रखवाले हैं
अमर हमारी प्रेम कहानी
जान वतन के हवाले है
न हिन्दू मुस्लिम सिख न इसाई हम
बस एक दूजे के भाई है हम
वतन के नौजवान हैं हम

 

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