Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हिंदी दिवस के अवसर पर

 
 हिंदी दिवस के अवसर पर  

'' दें हजारों दीप अनवरत प्रकाश किंतु, 
           भानु के बिना विहान हो ही नहीं सकता। 
अस्मिता, स्वभाव और स्वत्व भूल कोई व्यक्ति, 
              कोई देश हो, महान हो ही नहीं सकता। 
हों विकास के विविध उपक्रम नित्य किंतु, 
            बिन निज भाषा, ज्ञान हो ही नहीं सकता। 
हिंदी का है हिंद और हिंद की है हिंदी यह, 
                हिंदी हीन हिंदुस्तान हो ही नहीं सकता। ''

-गौरव शुक्ल
मन्योरा

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