Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

डायनासोर नेस्टिंग साइड

 
डायनासोर  नेस्टिंग साइड

धार जिले बाग़ के निकट ग्राम  पाड़ल्या में दो और अंडास्थलियाँ ढूँढ निकाली और इस तरह अब धार जिले में कुल चार डायनासोर नेस्टिंग साइड हो गई हैं। डायनासोर के अंडो के अलावा सितारा मछली ,जीव जंतुओं के जीवाश्म,शंख , पेड़ों के जीवाश्म  आदि बहुत से जीवाश्म  संपदा  को एकत्रित करने के उपरांत संरक्षित करने हेतु इस क्षेत्र को ईको सेंसेटिव क्षेत्र  के साथ नेशनल डायनासोर पार्क बनाए  जाने की प्रक्रिया  चल रही है ।जो की प्रशंसनीय कार्य है ।  फॉसिल साईट की खोज करने वाले  जीवाश्म खोजी, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओ  एवं उनकी टीम  को बधाई ।जिन्होंने वर्षो की मेहनत बाद  जिले में  खोज का श्रेय प्राप्त किया । म प्र में पाए जाने वाले  जीवाश्म  की जानकारियो को शिक्षा के पाठ्यक्रमों में जोड़ा जाना चाहिए। इनकी सुरक्षा बेहतर तरीके से होना चाहिए । ताकि क्षेत्र की भौगोलिक एवं फॉसिल की जानकारियो से ज्ञानार्जन में वृद्धि हो सके ।उल्लेखनीय है की बाग़  का नाम पहले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर बाग़ प्रिंट ,बाग़ गुफाओं ,आदिवासी लोक संस्कृति भगोरिया पर्व  नृत्य में अपनी पहचान स्थापित कर चूका है । अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर जीवाश्म पर शोध करने वालों के लिए नेशनल डायनासोर पार्क एक अनुपम सौगात होगी।डायनोसोर के ख़त्म होने के अलग-अलग मत अभी तक क्यों ?भले ही डायनासोर का उल्लेख भारतीय पुराणों,इतिहास में नहीं मिला हो,दैत्याकार जीवों के बारे में तो उल्लेख मिलता है |वैज्ञानिकों ने इस दिशा में वर्षो खोज एवं शोध के दौरान पृथ्वी के उदभव तथा संरचना के बारे में काफी कुछ खोजबीन को निरंतर जारी रखा है | जैव- अवशेषों के(जीवाश्म )जमींन के अंदर एवं समुद्र की तह में दबे जैव अवशेषों में इनको पाया भी है | साथ ही आधुनिक कार्बन- आइसोटोप-डेटिंग प्रणाली से अवशेषों के काल अथवा आयु को भी ज्ञात किया गया है | इनके काल को करोड़ो वर्षो की महायुग की अवधि में बाँटा गया है | जिनमे मिसोजोइक युग भी है | इनकी मृत्यु का वैज्ञानिकों ने अनुसंधान ,विश्लेषणों के जरिए खगोलीय दुर्घटना में  समाप्त होने का अनुमान लगाया था | डायनासोर का अस्तित्व पृथ्वी पर था | इसके प्रमाण स्वरुप गुजरात,म प्र के क्षेत्रों में डायनोसोर के अंडे एवं जीवाश्म प्राप्त हुए है | इन अण्डों के जीवाश्म को संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है | डायनोसोर तो थे पृथ्वी पर किन्तु उनकी समाप्ति के फिर भी अलग -अलग मत है | आज तक अनेक सवाल बने हुए है |जीव विज्ञान में इसकी सही पुष्टि किए जाना आवश्यक होगा | 
संजय वर्मा 'दृष्टि"
मनावर (धार )मप्र

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ