Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पास है ही क्या , जो चुरा ले जायेगा

 

पास  है ही  क्या , जो  चुरा  ले  जायेगा

तकदीर  के हाथों से  छुड़ा  ले  जायेगा


वक्त  ने  सब कुछ  पहले  ही  लूट  चुका

पतझड़ अब क्या  उड़ाले जायेगा


बाकी  है छूरी  सितम की  कलेजे  में डूबना

क्या हसरतें , जहां चुरा ले जायेगा


या  निगाहे- साकी- - शब  जो  दिलमें

खनक रही सागर- सा,उसे  बहा  ले जायेगा


गम का  फ़साना  सुनने वालो ,कल ये कहानी

फ़िर छेड़ेंगे,पकड़कर हाथ सोने जरा ले जायेगा

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