Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तेरा गुरूर तुझे कहाँ ले आया

 

तेरा  गुरूर   तुझे  कहाँ   ले  आया

दर्द  डूबा  था  जहाँ, वहाँ  ले  आया


न  खुद से मिल सकी, न खुदा से तू

ये किसका पता तेरा दिलबरा1ले आया


गुल  की   हसरतें   गर्दे-परेशां2  हुई

बहार  को  लूटकर  बागबां3 ले आया


तेरी हसरतों4 को दिल में ला न सका

दरो दीवार से टपकता बयाबां5ले आया


हर  रंग  तेरी  नजर में फ़ीका है, मैं

लहू  में  रंगकर अपनी जां ले  आया



  1. चाहनेवाला  2.धूल में मिलना 3. माली      

4. चाहत  5. वीरान 

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