Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्यार हम भी कभी किया करते थे

 


प्यार    हम भी   कभी    किया करते  थे

आवारा  वायु  की  तरह फ़िरा  करते थे


जब  नींद  नहीं  आती  थी , रातों  को

तकिये  में मुँह  छुपाकर रोया  करते थे


मोहब्बत ने किया था ऐसा हाल दिल का

जीना कम, मौत से अधिक लड़ा करते थे


इश्क  हौसला  है या  कोई  शर्त जिंदगी

जीने  का, चाँद  तारों  से पूछा करते थे


वस्ल  उससे कर , कभी तो नसीब ख़ुदा

जोड़कर  हाथ, मिन्नतें  किया  करते थे

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