Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मौत – मौत हम पुकारते रहे, मौत आने तक

 

मौत – मौत  हम पुकारते  रहेमौत  आने तक

जब  कि  कईमौत मरे हममौत आने तक


आरजू  सिवाय और कुछनहीं, तुमको एतवार 

  जाये मुझ पर ,मेरी  मौतआने  तक


कहते  हैं सब्र बड़ा  जरूरी है,  जीने  के लिए

बेसब्र   हो ,उम्मीद– मार्ग में मौत आने तक


क्या तदवीरेतकदीरे मोहब्बत बन सकती हैजो

उसके हिज्र में खुद को भूल जाये मौत आने तक


इश्क  को  चाहिए एकउम्रगुलजार होने के

लिएकौन इन्तजार  करता मौत आने तक


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ