Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गुजरने के ये दिन गुजर जायेंगे

 

गुजरने  के  ये  दिन  गुजर  जायेंगे

गुजरने  से  पहले  कुछ  कर जायेंगे

बेवफ़ा  जिंदगी  का  भरोसा  ही क्या

आज   जिंदा  हैं, कल   मर  जायेंगे

मगर  जिसे पाकर भी,पाने की हसरत

न  मिटी , उसे  छोड़  किधर  जायेंगे

तबीयत घबड़ाती है ,रातों के सन्नाटे में

बताने   उसके   घर , दोपहर  जायेंगे

गर   बात  उठाई  उसने  ठहराई  की

तब    रात    वहीं    ठहर   जायेंगे

फ़कीरे   इश्क  को  और  चाहिये क्या

अपना  नाम, उसके  नाम  कर जायेंगे


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