Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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साथ चलो बस

 

प्यारे अब वादा ना करो साथ चलने का ,
तुम्हारे हर वादे रिसते घाव ही तो दिए है ,
तुम साथ भी कैसे चल सकते हो ?
तुम्हे तो अपनी उंचता का अभिमान है.............

 


वाद करते हो बस मतलब भर ,
बदलता वक्त बस वादो का नहीं है
साथ चल सकते हो तो चलो पर,
झूठा वादा ना करो
वरना मुझे भरने दो अपनी उडान………

 


देश और भारतीय समाज की फ़िक्र है
वर्णिक भ्रम के चक्रव्यूह को तोड़कर दिखाओ
यही दुश्मन है देश और भारतीय समाज का
देश और भारतीय समाज को जोड़ना है तो
वर्णिक भ्रम के चक्रव्यूह को तोडना होगा............

 


ऐसा नहीं कर सकते तो मुझे छोड़ दो
अपनी नफरत भरी जहां से
ताकि पुनः गढ़ सकूं अपनी स्वछंद सम-जहां ,
अब बस वादे नहीं ,झूठे वादे मीठे जहर है
जन-धन ,मान सम्मान और जान लेवा
अब झूठे वादे नहीं चलेंगे ,
साथ चलना है तो चलो बिना किसी भेदभाव के
वर्णिक भेद-नफ़रत की हर सरहदे तोड़कर………

 

 


डॉ नन्द लाल भारती

 

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