Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जब साथ आते चार लोग

 
जब साथ आते चार लोग,
शमशान जाते चार लोग।
राम नाम सत्य है बताते,
मिल जाते जब चार लोग।

सत्य का गुंजायमान करते,
जिनका सत्य से नाता नही।
हमारे घर की समीक्षा करते,
निज घर कोई अपनाता नही।

चार लोगों की बात पर कान रखना छोड़ दो,
अपने पुरुषार्थ से नदिया का रुख़ मोड़ दो।
परिवार हित जो अच्छा लगे, काम कीजिये,
आलोचना के लिये जो, उनसे नाता तोड़ दो।

बस एक बार बात होगी, चार लोग कुछ कहेंगे,
नजरंदाज करो बातें, जो चार लोग कुछ कहेंगे।
रीत है यह जगत की, ख़ामियों पर ध्यान रखना,
मत विचारो यह विचार, कि चार लोग कुछ कहेंगे।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन




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