Swargvibha
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बच्चे चाचा उन्हें बुलाते

 

बच्चे चाचा उन्हें बुलाते


इलाहाबाद में जन्म हुआ था

थे कश्मीरी ब्राम्हण परिवारcha

पिता मोतीलाल थे उनके

स्वरुप रानी से मिला संस्कार.

समय की गति के साथ-साथ

बने यशस्वी और गुणवान

स्वाधीनता संग्राम के योद्धा

कहलाए राजनीतिज्ञ महान.

देश की दुर्दशा देखकर

क्रांति रण में कूद पड़े थे

अत्याचार अनेक सहे थे

अनगिनत ही जेल गए थे.

गाँधी की अनुयायी बनकर

कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे

विदेश नीति के रखकर नींव

लोकप्रिय बेहद हुए थे.

प्रत्येक आखों से आंसू पोछूं

ऐसा ही प्रण वो लिए थे

विषमता का करने को अंत

हर संभव प्रयत्न किये थे.

आधुनिक भारत के वे निर्माता

थे विश्व-शांति के अग्रदूत

पंचशील सिद्धांत बनाकर

बने चिर-स्मरणीय राष्ट्रपूत.

प्रकृति प्रेमी भी बहुत थे

जिन्दादिली थी बेशुमार

बच्चों के संग खुश होते थे

उनसे करते बेहद प्यार.

बच्चे चाचा उन्हें बुलाते

वो हंस देते थे बरबस

नेहरु जी के जन्मदिन ही

कहलाते हैं बाल-दिवस.

भारती दास ✍️


 



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