Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शिक्षक दिवस

 

“छात्र का भविष्य मझधार में फँसा हो यदि
आत्मबल से लगाये उसको किनारे पे ।
सुप्त हुई चेतना में आग वो लगा दे गुरु ,
मृत्यु के समक्ष भी डरे न वो पुकारे पे ।
मुक्ति कामना स्वधर्म में उसे दिखाई पड़े,
हार से भी जीत जाए भीत न हो हारे पे।
शिक्षक वही जो राष्ट्र निर्माण हेतु लड़े ,
सत्य की लड़ाई, स्वाभिमान के सहारे पे।”
– अनुराग ‘अतुल’

शिक्षक दिवस पर जीवन के समस्त शिक्षकों को कृतज्ञ प्रणाम!

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