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कहीं सम्मान गिरवी है

 

मुक्तक


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Amresh Singh 

Wed, Mar 18, 6:49 PM (11 hours ago)





to me 


कहीं  सामान  गिरवी है, कहीं सम्मान गिरवी है।
कहीं  इंसानियत  गिरवी, कहीं  इंसान गिरवी है।
उठाते जो  यहाँ  गंगाजली  हर बात पर हर पल,
सच तो ये है कि उनका ही खुद ईमान गिरवी है।

©अमरेश सिंह भदौरिया


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