Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शेर

 

जिस जिस ने मोहब्बत में, अपने मेहबूब को खुदा कर दिया,

 खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया।

 

  • फिर वही तन्हाई का आलम
    फिर वही रंजो गम की राते,
    ना जाने किस्मत हमसे क्यों रूठ जाती है
    खुशियों के पास आते-आते.....।

     

  • गुजर गए वो जमाने लेकिन
    निशानिया अब भी बाकी है...
    ईस दिल के किसी कोने में
    तेरा आशियाना अब भी बाकी है....।

 

 

 

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