Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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रंगो मे खोले खून ऐसा स्वर बोली मे भरता हू

 

 

रंगो मे खोले खून ऐसा स्वर बोली मे भरता हू

भारतमाता के चरणो मे पूरी जिदंगानी अरपित करता हू

वो होगे कोई और जमाने मे जो जीते होगे

खुद के लिये मै देश की शान पे जीता और मरता हू

 

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