Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अच्छा हुआ आज यह दौर आ गया

 
अच्छा हुआ आज यह दौर आ गया,
अपने परायो की पहचान करा गया।
सुख मे तो सब ही मेरे अपने थे,
दुखः मे अपनो की पहचान करा गया।   

अ कीर्ति वर्द्धन

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