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इधर, पटरी का पता नहीं, उधर इलेक्ट्रीफिकेशन का काम अंतिम दौर में!
अमान परिवर्तन में पिछड़ रहा बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले का हिस्सा!, दिसंबर तक पूरा हो जाएगा भोमा तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा, बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से की कौन लेगा सुध!, तकनीकि अधिकारियों के द्वारा किए जा रहे अनावश्यक विलंब के लिए कराया जाए दण्डित
(लिमटी खरे)
सिवनी (साई)। भोमा से चौरई के बीच अभी रेल लाईन का अता पता नहीं है, और दूसरी ओर मण्डला से नैनपुर तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है एवं नैनपुर से केवलारी, कान्हीवाड़ा होकर भोमा के बीच का काम दिसंबर तक तो छिंदवाड़ा से चौरई तक के बीच का काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा। रह जाएगा तो सिर्फ बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से का काम।
रेल्वे मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जबलपुर से नैनपुर, नैनपुर से मण्डला, नैनपुर से सिवनी होकर चौरई और छिंदवाड़ा के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन के काम के अधीक्षण (सुपरविजन) के लिए पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीएल) का एक अलग यूनिट सिवनी में तैनात किया गया है। इस यूनिट का कार्यालय सिवनी के उपनगरीय इलाके लूघरवाड़ा में स्थित है।
सूत्रों का कहना है कि पीजीसीएल के इस यूनिट के द्वारा मूलतः कोलकता की एक कंपनी टेक्समेको रेल एण्ड इंजीनियरिंग को यहां बिजली के खम्बे खड़े करने और तारों को जोड़ने का ठेका दिया हुआ है। इस कंपनी का कार्यालय पहले लूघरवाड़ा के समीप एक लॉन में था अब यह छिंदवाड़ा मार्ग पर संचालित हो रहा है।
मण्डला संसदीय क्षेत्र में मण्डला नैनपुर का काम पूरा
इधर, पीजीसीएल के सिवनी स्थित इस कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि इलेक्ट्रिफिकेशन का काम रेल की पटरी बिछने के बाद सीआरएस परीक्षण के उपरांत ही होता है। मण्डला के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते के द्वारा अधिकारियों और ठेकेदार को न केवल अल्टीमेटम दिया जा रहा है, वरन काम पर नजर रखते हुए उन्हें तेज गति से काम करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है, इसके परिणामस्वरूप वर्तमान में मण्डला से नैनपुर, केवालरी, कान्हीवाड़ा होते हुए भोमा तक का सीआरएस हो चुका है, जहां इलेक्ट्रिफिकेशन का काम युद्ध स्तर पर कराया जा चुका है। यह काम पूरा भी हो चुका है।
सूत्रों ने कहा कि इसके बाद नैनपुर से केवलारी, कान्हीवाड़ा होकर भोमा के बीच के हिस्से में शुरूआती काम (इनीशियल वर्क) आरंभ किया जा चुका है। जिस दिन भी बारिश नहीं होती है या मौसम खुला रहता है उस दिन काम किया जा रहा है। सूत्रों ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2021 तक नैनपुर से केवलारी, कान्हीवाड़ा होते हुए भोमा तक के हिस्से में इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा।
चौरई से छिंदवाड़ा का काम होगा पहले पूरा
इलेक्ट्रिफिकेशन का काम देख रही पीजीसीएल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि छिंदवाड़ा के सांसद नकुल नाथ के द्वारा अधिकारियों या ठेकेदार के पक्ष में खड़े हुए बिना छिंदवाड़ा जिले की उस जनता जिसने उन्हें जनादेश देकर संसद भेजा है के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। छिंदवाड़ा के सांसद नकुल नाथ के द्वारा अधिकारियों का पक्ष लिए बिना उन्हें दो टूक शब्दों में लक्ष्य पूरा करने की मियाद दी जाती है और समय समय पर मियाद के बारे में चेताया भी जाता रहा है।
सूत्रों ने कहा कि मण्डला संसदीय क्षेत्र के भाजपा के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते एवं छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस के सांसद नकुल नाथ के द्वारा उन्हें मिले जनादेश का पूरा सम्मान किया जा रहा है और यही कारण है कि नैनपुर से भोमा के बीच के हिस्से में इलेक्ट्रिफिकेशन का काम दिसंबर तक तो छिंदवाड़ा से चौरई के बीच के हिस्से के इलेक्ट्रिफिकेशन काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि अगर दोनों ही सांसदों के द्वारा काम में ढील डाली जाती या अधिकारियों के कहने पर उनकी बात मानी जाती तो मण्डला से भोमा और चौरई से छिंदवाड़ा के बीच के हिस्से के हाल भी भोमा से चौरई के बीच के हिस्से की तरह ही हो जाते।
पिछड़ रहा बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से का काम
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह भी बताया कि भोमा से सिवनी होकर चौरई के बीच के हिस्से के काम को तेज गति से करने के लिए रेल्वे प्रतिबद्ध तो है, पर कुछ इस तरह के दबाव हैं, जिनको बताया नहीं जा सकता है के चलते बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से का काम मंथर गति से चल रहा है। सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन के द्वारा अधिकारियों को सख्ती के साथ समय सीमा में काम को पूरा करने के लिए ताकीद किया जाता तो अब तक यह काम पूरा हो चुका होता और यहां इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी आरंभ हो गया होता।
सूत्रों ने कहा कि जिस गति से काम चल रहा है उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि भोमा से चौरई के बीच के रेलखण्ड में पटरी बिछाने का काम 2022 की बरसात तक भी पूरा हो जाए तो गनीमत समझिए। इसके बाद कम से कम आठ माह का समय इलेक्ट्रिफिकेशन में लगेगा, उसके बाद ही सिवनी शहर की पटरियों पर रेलगाड़ी दौड़ पाएगी! सूत्रों ने कहा कि सिवनी का काम कम से कम दो साल पीछे चल रहा है।

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