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Dr. Srimati Tara Singh
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10 दिन में महज 145 मरीज, फिर लॉकडाऊन की सिफारिश क्यों!

लगभग एक साल में जिले में कोरोना से एक का भी निधन नहीं!

(लिमटी खरे)

क्राईसिस मैनेजमेंट की बैठक में सिवनी जिले में पांच दिन का लॉक डाऊन लगाने की सिफारिश की गई है, जो अपने आप में अचंभित करने वाली ही मानी जा सकती है। इसके पीछे ठोस वजह यह है कि पिछले 10 दिनों में सिवनी जिले में सरकारी आकड़ों के अनुसार महज 145 प्रकरण ही आए हैं।

जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के हवाले से जारी विज्ञप्तियों पर अगर गौर फरमाया जाए तो 25 मार्च से 03 अप्रैल तक कोरोना कोविड 19 के संक्रमित मरीजों के मिलने की संख्या बहुत ज्यादा नही है। 25 मार्च को 14, 26 मार्च को 19, 27 मार्च को 19, 28 मार्च को 18, 29 मार्च को होली के कारण संभवतः आंकड़े जारी नहीं हुए।

इसके बाद 30 मार्च को महज 09, 31 मार्च को 12, 01 अप्रैल को 20, 02 अप्रैल को 25 एवं 03 अप्रैल को महज 09 इस तरह पिछले दस दिनों में महज 145 मरीज ही सिवनी में मिले हैं।

अब सिवनी की आबादी पर अगर नजर डाली जाए तो 2011 की जनगणना के अनुसार सिवनी जिले की कुल आबादी 13 लाख 79 हजार 131 है, जो जिले भर के 03 लाख 14 हजार 767 आवासों में निवास करती है।

13 लाख 79 की आबादी अगर बढ़कर 14 लाख भी हो गई हो तो 14 लाख की आबादी में महज 145 कोरोना पाजिटिव मरीज मिलना बहुत मामूली बात मानी जा सकती है वह भी दस दिनों की अवधि में। यह तो .10 (दशमलव एक शून्य) का आंकड़ा है।

इसके अलावा मार्च 2020 से 03 अप्रैल 2021 के बीच जिले में कोरोना कोविड 19 के प्रकोप से निधन के सरकारी आंकड़े महज दस ही हैं, जो लगभग दस माहों से स्थिर बने हुए हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर कोविड से निधन की बातें जमकर कही जाने के बाद भी प्रशासन के द्वारा इस तरह की भ्रामक बातों का प्रचार प्रसार करने वालों के खिलाफ किसी तरह की दण्डात्मक कार्यवाही न किया जाना भी अपने आप में आश्चर्य से कम प्रतीत नहीं होता है।

इन सारी स्थितियों परिस्थितियों के बाद सोशल मीडिया पर लॉक डाऊन के हिमायती जिले के नेता तो माने जा रहे हैं, पर आम जनता इसका प्रतिकार करती ही नजर आ रही है। जनता का कहना है कि जब स्थितियां बहुत गंभीर नहीं हैं तो लॉक डॉऊन की सिफारिश क्यों! अगर सांसदों, विधायकों की उपस्थिति में पांच दिन के लॉक डाऊन के प्रस्ताव को शासन को भेजने की बात कही गई तो निश्चित तौर पर हालात वैसे नहीं माने जा सकते हैं जैसे विज्ञप्तियां बयां कर रहीं हैं। यह अलहदा बात है कि जिस तरह सिगरेट की डिब्बी पर स्टार लगाकर स्वास्थ्य के लिए हानिकारण लिख दिया जाता है उसी तरह यहां भी अगर मरीज बढ़े तो का प्रयोग किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी भी इस बात को बेहतर तरीके से जानते हैं कि जमीनी हालात क्या हैं, पर वे भी मजबूर हैं, वे भी अपने आप को अपने अपने कार्यालयों के बीस बाई बीस के वातानुकूलित कमरों में ही बंद किए हुए हैं। पिछले एक माह में सीएमएचओ के द्वारा जिले के कितने विकासखण्ड में जाकर अस्पतालों का निरीक्षण किया गया, अगर इसी बात को जिलाधिकारी के द्वारा दिखवा लिया जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सारा गड़बड़झाला प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा ही किया गया है। मौखिक आदेश के तहत ही इस तरह की स्थितियां परिस्थितियां निर्मित हो रही हैं। सीएमएचओ के द्वारा अब तक किसी भी अस्पताल का औचक निरीक्षण नहीं किया गया है। न ही यह देखा गया है कि कहां कोरोना के कितने मरीज संभावि कोरोना के वार्ड में भर्ती हैं, कहां कितने कोरोना के लिए बनाए गए वार्ड में . . .

एक तस्वीर जरूर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को भेजी गई है जो एक निजि अस्पताल की है। यह तस्वीर वाकई बहुत हृदय विदारक मानी जा सकती है। इस तस्वीर में एक मरीज को बरामदे में ही आक्सीजन सिलेण्डर लगाकर बैंच पर बिठा दिया गया है। यह है सिवनी जिले के जमीनी हालाता, और इस बारे में क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी में चर्चा की फुर्सत जिले के दोनों सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते, डॉ. ढाल सिंह बिसेन, चारों विधायक दिनेश राय, राकेश पाल सिंह, अर्जुन सिंह काकोड़िया, योगेंद्र सिंह सहित जिला भाजपा अध्यक्ष आलोक दुबे, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए जिले की वास्तविक हालातों को जनता के समक्ष रखना चाहिए।

यह है वह विज्ञप्ति जिसमें पांच दिन के लॉक डाऊन की सिफारिश की गई है:

कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए क्राईसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, संक्रमण से रोकथाम हेतु जनजागरूकता एवं सख्ती बरतने के दिए गए निर्देश

सिवनी। 03-अप्रैल-2021

कोविड मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए इसके बचाव एवं रोकथाम हेतु स्थानीय प्रतिबंध लागू किए जाने के हेतु जिला क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक शनिवार 3 अप्रैल को आयोजित की गई। जिसमें जिला क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी के मेम्बर, जनप्रतिनिधिगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग मंत्रालय वल्लम भवन भोपाल के निर्देशानुसार सर्व सम्मति से निम्नानुसार निर्णय लिए गए हैं जो निम्नानुसार हैं:

बैठक में लिए गए निर्णयानुसार समस्त सामाजिक एवं धार्मिक त्यौहारों में निकलने वाले जुलूस/ गैर/ मेले सार्वजनिक रुप से लोगों का एकत्रित होना प्रतिबंधित किए जाने का निर्णय लिया गया। शादी विवाह समारोह में 50 तथा शवयात्रा में 20 से अधिक व्यक्ति सम्मिलित न हो तथा उठावना, मृत्युभोज कार्यक्रम में 50 से अधिक व्यक्ति सम्मिलित न होने का निर्णय लिया जाकर इसका कड़ाई से पालन किए जाने व संख्या अधिक होने पर आयोजक, प्रबंधक एवं लॉन संचालक को भी जिम्मेदार बनाया जाए निर्णय लिया गया। जिले के समस्त जिम, स्वीमिंग पूल, सिनेमाघर बंद किए जाने का निर्णय लिया गया। आमजन का रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर रोक लगाने का निर्णय लेते हुए केवल पार्सल व्यवस्था लागू रखे जाने का निर्णय लिया गया। बंद हॉल में आयोजित किए जाने वाले समस्त प्रकार के कार्यक्रम हेतु हॉल क्षमता के 50 प्रतिशत तक की अनुमति तय की गई साथ ही यह संख्या किसी भी स्थिति में 100 से अधिक नहीं होगी तय किया गया। आमजन का मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना अनिवार्य किए जाने का निर्णय लिया जाकर, इसे सख्ती से लागू किया जावे। सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर फेस मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया। समस्त दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रस्सी के माध्यम से अथवा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 1-1 गज की दूरी पर चूने के गोले बनाए जाने दुकान संचालाकों का स्वयं मास्क पहनना तथा दुकानों/ प्रतिष्ठानों में आने वालों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने, दुकानों के सामने भीड़ एकत्र न होने व सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो यह जिम्मेदारी दुकान संचालकों को दिए जाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में प्रति मंगलवार को आयोजित की जाने वाली जनसुनवाई कार्यक्रम को आगामी आदेश पर्यन्त तक स्थगित रखे जाने का निर्णय भी सर्व सम्मति से लिया गया। आमजन से यह अपील की जाये कि यदि घर-परिवार में किसी भी सदस्य को कोविड के लक्ष्ण प्रदर्शित होते है तो वह त्वरित इलाज हेतु चिकित्सालय में उपस्थित हो, बिना चिकित्सक की सलाह के दवाई आदि का सेवन न कर चिकित्सक की सलाह से उपचार प्राप्त करें। चर्चा उपरांत लिए गए निर्णय अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी एवं सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय सिवनी को पूर्व की भांति टेली मेडीसिन की सुविधा प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए गए। स्थानीय प्रशासन यथा- मुख्य नगरपालिका अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्राम पंचायत सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी के सहयोग से कोविड पॉजीटिव व्यक्ति के घर के बाहर पर्चा चस्पा कराए। नगरीय क्षेत्र में सराफा, कपड़ा आदि व्यापारीगण कोविड से बचाव हेतु प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे है, सम्बंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित बाजार भ्रमण कर सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

जिले में संचालित समस्त कोचिंग क्लासेस संचालकों द्वारा विद्यार्थियों को हॉल क्षमता के अनुरूप सोशल डिस्टेसिंग में बैठाना सुनिश्चित करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी व अनुविभागीय दण्डाधिकारी निर्देशित किया गया है। सिवनी नगर स्थित वाचनालय (लायब्रेरी) में भीड़ एकत्र हो रही है इस हेतु भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय करने हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी सिवनी को निर्देशित किया गया। महाराष्ट्र राज्य से आने वाले यात्री बसों का संचालन बंद है किंतु यात्रिगण टैक्सी या निजी परिवहन का उपयोग कार आ-जा रहे है जिससे संक्रमण फैलने की संभावना है अतः महाराष्ट्र राज्य से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 7 दिनों के लिए होम कोरेंटाईन करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला आयुष अधिकारी को आमजनों को आयुर्वेदिक काढ़ा वितरित करने तथा पूर्व में वितरण की गई होमयोपैथी दवाई का वितरण करने के तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सामुदायिक रवास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर समस्त दवाइयां की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तथा इसके बचाव हेतु आमजनों को इसके दुष्प्रभाव बताया जाना आवश्यक है, इस दृष्टि से निर्णय लिया गया कि कोरोना के प्रति दिन सक्रमित पाए जाने वाले मरीज संख्या का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ग्रामीण क्षेत्रों में कोटवार के माध्यम से मुनादी कराई जाए व सभी को घरों पर रहने अति आवश्यक कार्य से ही बाहर जाने हेतु समझाईश दी जाए।

ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत ऐसे बुजुर्ग/ गंभीर बीमार/ दिव्यांग जिनके घर परिवार में उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर तक लाने-ले-जाने वाला कोई नहीं है अथवा कोई साधन नहीं है ऐसे बुजुर्ग/ गंभीर बीमार/ दिव्यांग को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने व टीका लगाकर वापस घर तक लाने की व्यवस्था पंचायत स्तर करने की सहमति बनी। साथ ही नगरीय क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोको-टोको अभियान को गति देते हुए ग्रामीण फील्ड अमले एवं कार्यरत शासकीय अमले को प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को प्रभावी रूप से रोकने हेतु जिला सिवनी में कम-से-कम 5 दिनों का सम्पूर्ण लॉकडाउन का प्रस्ताव शासन को भेजे जाने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया।

(साई फीचर्स)


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