Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

Pankaj Trivedi is with Nishi Nath Jha Amol.

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निशि नाथ झा 'अमोल 
जेपी अमन सोसायटी 
सेक्टर- 151
नौएडा- 201310
9971884737
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विश्व गाथा पत्रिका
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मनोरंजन ही नहीं ज्ञानवर्धक भी 
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विश्व गाथा के जुलाई - सितंबर '23 के अंक के आरंभ में संपादकीय में श्री पंकज त्रिवेदी के कथन कि वह 'साधना मार्गी नहीं बल्कि ज्ञान मार्गी' हैँ बिल्कुल हम उनके उस उक्ति से सहमत हैं अपने संपादकीय में उन्होंने ज्ञान ही साझा किया है और अपने संपादन में प्रत्येक अंक को हर कोने से ज्ञानवर्धक बनाने का पूरा प्रयास करते रहे हैँ । उनके परिश्रम को सैल्यूट करते हुए हम अंक की सामग्री की विविधताओं पर गौर करते हुए पाते हैं कि --
सामाजिक भाई चारे और दोस्ती को लेकर, सुशील स्वतंत्र की 'राम रहीम हथकरघा' कहानी हमारे गाँव घरों के सामान्य जीवन को महसूस कराती है ज़मींदारों के पुराने परिपाटी के बीच दो युवकों के मित्रता, प्रेम भावना का रंग चालीस साल के बाद मिलने पर, खुशी से माहौल को रंगीन और भावुक कर देता है इतना कि दोस्त के बेटा और पोता भी सच्ची दोस्ती का मतलब जान जाते हैँ । इसके आगे कोई वर्ण या वर्ग का मह्त्व नहीं रह जाता ।
'संजीवनी बूटी', एक हृदय स्पर्शी कहानी है जिसमें नम्रता नामक एक नर्स जो आत्मीयता और सेवा भावना से परिपूर्ण है वो स्वयं तो अकेली है परंतु समाज के लिये सदैव कदम बढ़ा कर सहारा देती है इसे निरूपमा सिंह जी ने बहुत ही सहज ढंग से लिखा है। श्री कृष्ण कुमार यादव की लिखी 'हकीकत ' एक आदिवासी महिला गीता की जीवन का कटु सत्य बयान करती है जिसे वह अपनी जवानी में भी न कह सकी और और अंत में बुढ़ापे में भी स्वीकार नही कर पाई । पहाड़ी आदिवासियों के साथ रेंजर अधिकारियों का मनमाना रवैया और राजनीतिक चालों को दर्शाता हुआ, वास्तव में यह 'हकीकत' है। 
लघु कथा में 'कन्या पूजन', एक तरफ समाज के निर्धन वर्ग की कन्याओं की तरफ इशारा करती है जिन्हें उन दिनों में लोग बहुत है सहज ढंग से बुलाकर भोजन कराते हैं दूसरा ' विरोधाभास ' बिहार के प्रशासन तंत्र की ओर इशारा करती है जहां छिप कर जहरीली शराब पीने से बारह लोगों की मृत्यु हो गई जबकि बिहार राज्य में शराब निषेध है। 
'प्रकृति प्रदत्त प्रतिभा' - डॉ. सुनीता , ये एक साक्षात्कार है जिसे वंदना गुप्ता जी ने ' बातचीत' के अंतर्गत नोट करके लिखा है । डॉक्टर सुनीता हिन्दी साहित्य की एक नई युवा हस्ताक्षर हैं इन्होंने कविता, आलोचना और कहानियों से अपने लेखन को समृद्ध किया है ' सियोल से सरयू ' इनकी प्रसिद्ध कथा संग्रह है और ' शंख पर असंख्य क्रंदन ' उनकी कवित्व के गुण दर्शाती है । वंदना जी ने इन पुस्तकों के आधार पर उनसे अच्छी बातचीत की है। हिमाचल प्रदेश जितना सुन्दर है उतनी ही अच्छी व्याख्या श्री गंगा राम राजी जी ने अपने बातचीत में प्रियंवदा पांडेय को बताया है 'हिमाचली संस्कृति के व्याख्याता' के शीर्षक में कई रोचक जानकारियां मिलती हैँ। 
इस अंक में एक जानकारी की दृष्टि से जितेंद्र प्रसाद माथुर ने राजस्थान प्रांत में प्रमुख रूप से गाए जाने वाले राजस्थानी लोक गीतों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय दिया है जो अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिना पढ़े आप कोई जानकारी या उसकी उपयोगिता नहीं जान सकते इन्ही मुद्दे को लेकर 'किताबों की महिमा' नामक आलेख डॉ नंद किशोर साह ने लिखा है । श्री साह ने किताबों की उपयोगिता और सदैव सत्य और ज्ञानवर्द्धक होने की महिमा का विस्तार में वर्णन किया है । कहानियों और किस्सों को लेकर एक बहुत अच्छी जानकारी जो ज्ञानवर्धन भी करती हैं औऱ पढ़ कर आगे उत्सुकता भी होती है , वह हैं 'किस्सा, किस्सागो और किस्सागोई' नामक आलेख । इसमें कहानियों के सूत्रपात, उनके मूल लिपि और उसके रचयिताओं के बारे में जानकारी दी गई है जो पाठकों को और आगे जानने की पढने की जिज्ञासा पैदा करती है । राजेन्द्र सिंह गहलोत जी ने एक अच्छी जानकारी प्रस्तुत की है। 
प्रसिद्ध लघु कथाकार सुकेश साहनी के कथा की लेखन शैली और उनके भावों को श्री रमेश गौतम जी ने बखूबी 'शख्सियत' के अंतर्गत लिखा है। 'यात्रा' के अंतर्गत प्रीता व्यास जी ने दिलचस्प संस्मरण साझा किया है इंडोनेशिया के बाली द्वीप की संस्कृति के साथ 'कालोनारंग' चूड़ैल की कहानी बराबर दिलचस्पी पैदा करती है । 'व्यंग्य' के पृष्ठों में 'खींच मेरी फोटू', 'आज मौसम बड़ा बेईमान है' , 'सत्ता सुंदरी' और 'घाट' अच्छे और मनोरंजक है इनके साथ 'बुद्धिजीवी और गधे' नामक व्यंग्य वास्तविकता की ओर इशारा करता है । श्री धर्मपाल महेंद्र जैन की 'झकास' व्यंगात्मक लेख केघिसे-पिटे विषय को लेकर 'एक चाँदीलाल ....' पर सजा हुआ है। इन सबके साथ इस अंक में अच्छी-अच्छी ग्यारह कविताओं को भी शामिल किया गया है जो भावपूर्ण हैँ । 
इतने भावों से भरी हुई , ज्ञानवर्द्धक और जानकारियों से सुसज्जित अंक के लिए सम्पादक पंकज त्रिवेदी जी को धन्यवाद और उनके निरंतर प्रयास के लिये शुभकामनाएं ।


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