Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आजाद भारत के आजाद राजनेताओं ने मदान्धता की हदें पार करते हुए टेहरी को तो निगल ही लिया, जोशीमठ को भी निगल रहा है। उत्तराखंड के ये सांस्कृतिक नगर कुछ निरुपाय पर्वतीयों की वासभूमि ही नहीं हैं, देवतात्मा हिमालय के हृदेश, मर्म स्थल  हैं । बेशक यहां विकास करिए, मगर नौ महीने की जगह दो महीने में शिशु उत्पन्न करने की जिद मत करिए।आप तो चले जाएंगे,मगर देश परिणाम भोगता रहेगा सालों साल!

— with Buddhinath Mishr

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