Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जनकपुर की यह यात्रा मेरे चिरस्मरणीय है।

9 Years Ago

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Buddhi Nath Mishra is with Buddhinath Mishra.

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गत 16 -17   जुलाई को मुझे जनकपुर धाम (नेपाल) में मंदिरों, मूर्तियों और साहित्यकारों के साथ मुक्त जीवन बिताने का सौभाग्य  मिला |जनकपुर राजा जनक और जगज्जननी सीता का नगर है| वहाँ आस्था और विश्वास अभी भी प्राणवंत है |यह मेरी तीसरी यात्रा थी |इससे पूर्व एक बार हनुमान मंदिर के कवि सम्मेलन में श्रद्धेय हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा भेजा गया था |दूसरी बार अज्ञेय जी के साथ उनकी `जानकी जीवन यात्रा' के सहयात्री साहित्यकार के रूप में गया था |इस बार अकेले गया था, मगर वहां के प्रसिद्ध  मैथिली साहित्यकार श्री राम भरोस कापड़ि  जी  के  सौजन्य  से  वहाँ  के  रचनाकारों  ने  मुझे मैथिली कवि  के रूप में जो आत्मीयतापूर्ण सम्मान दिया, उसे मैं कभी भूल नहीं सकता |उन सबके प्रति मेरा आभार |

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