Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator
प्रेस विज्ञप्ति 

आज अखिल भारतीय साहित्य परिषद ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर के द्वारा प्रान्तीय अध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह देव तथा प्रान्तीय सचिव श्री अरविन्द भाटी जी के मुज़फ़्फ़रनगर आगमन पर कीर्ति वर्द्धन जी के महालक्ष्मी एनक्लेव स्थित आवास पर भव्य स्वागत किया गया। मिसेज कीर्तिवर्धन जी का आतिथ्य सराहनीय रहा , उनके मुस्कुराते चेहरे को देख मन आह्लादित हुआ ! मैं आदरणीया भाभी जी  (मिसेज कीर्तिवर्धन) को  तहे दिल से इस भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद करती हूं, स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के बावजूद भी वें हम सबके लिए खड़ी रही! 

परिषद के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िला अध्यक्ष श्री कीर्ति वर्द्धन तथा  पदाधिकारी  समीर कुलश्रेष्ठ जी व विपुल शर्मा जी ने  दोनों अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया !
तथा स्वामी विवेकानंद जी का मोमेन्टो देकर स्वागत सम्मान हेतू भेंट दिया! 

कीर्ति वर्द्धन जी, सुनीता सोलंकी 'मीना' जी तथा विपुल शर्मा जी द्वारा अतिथियों को अपनी पुस्तकें भेंट दी गई।

इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसका प्रारंभ प्रतिभा त्रिपाठी जी द्वारा अपने मधुर कंठ से सरस्वती वन्दना से किया गया। सुमन युगल जी  ने अपने मनमोहक अंदाज में रचना सुनाई !
 सुनीता सोलंकी 'मीना' ने भी अपना रचना पाठ किया, सन्ध्या मलिक जी ने नुपुर शर्मा को लेकर जो उनके 
अपने मन में उठते विचार उन पर चर्चा की ! जिससे काफी देर सबने चर्चा में हिस्सा लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किए ! 
विपुल शर्मा जी की
बहुत खूबसूरत रचना "माँ के पेट पर जो निशान"  ने सभी को बहुत प्रभावित और भावविभोर किया ! 
 समीर कुलश्रेष्ठ जी हिन्दी के ज्ञाता है तो अपनी साहित्यिक शब्दों से सराबोर रचना सुनाई ।
कीर्ति वर्द्धन जी हमेशा ग्रामीण धरातल से और आज की देश की हालात पर ही रचनाएँ होती है जो उन्होने  अपने अंदाज में सुनाई ।
देवेन्द्र सिंह देव (मुख्य अतिथि) जी ने हम सबको अपनी किताब भेंट की तथा अपनी रचना और कृष्ण पर कयी धनाक्षरी दोहे सुन्दर अंदाज में गाकर मन हर्षित किया ।
अरविन्द भाटी जी की रचना भी लाजवाब  थी जो उन्होंने अपने निराले अंदाज में रची हुई थी ।
सभी ने अपनी अपनी रचनाओं से सबका मन मोह लिया। सलिल वत्स जी की उपस्थिति विशेष रूप से प्रेरक और श्रेष्ठ श्रोता की रही! 
अखिल भारतीय साहित्य परिषद न्यास द्वारा जारी पुस्तक “इतिहास “ (श्रीधर पराड़कर) का लोकार्पण भी किया गया। जिसे पढ़कर हम सबको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

सुनीता सोलंकी

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