Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

लिमटी की लालटेन 251

मंहगाई पर लगाम लगाने की नाकाम कोशिशें!

(लिमटी खरे)

दुनिया भर में अनेक देशों में महंगाई चरम पर है। भारत में भी थोक और खुदरा व्यापार जगत में मंहगाई अपने शीर्ष स्तर पर ही मानी जा सकती है। गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों का जीना दूभर हो चुका है। केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों पर अपना अपना करारोपण किया हुआ है जिससे पेट्रोल और डीजल के दामों में बहुत ही तेजी से इजाफा हुआ है। किसी भी सामान को ले जाने के लिए परिवहन में इनका उपयोग होता है। मतलब साफ है कि अगर डीजल के दाम बढ़ेंगे तो वस्तुओं के दाम बढ़ना अवश्यंभावी है।

इस आलेख को वीडियो में देखिए

केंद्र और राज्य सरकारों के पास कर संग्रहण के अनेक दूसरे तरीके भी हैंपर डीजल और पेट्रोल पर जिस तरह से कर लगाया जाता रहा हैउससे आम आदमी की कमर ही टूटती आई है। बीते शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर लगनेवाले शुल्क में आठ रुपये और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की है। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते इन पदार्थों के दाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम होने की संभावनाएं नगण्य ही हैं।

डीजल का उपयोग ट्रक्सबसेस सहित अन्य परिवहन के साधनों यहां तक कि रेलवे में भी किया जाता है। इसके चलते परिवहन मंहगा ही हुआ है। किसान भी अपने खेतों में पानी सींचने के लिए डीजल पंप का उपयोग करते हैं। किसानों की वेदना को समझा जा सकता है। आजादी के साढ़े सात दशक बीतने के बाद भी देश के हर गांव में बिजली नहीं पहुंच सकी है। जिन ग्रामों में बिजली पहुंची भी हैवहां चौबीस घंटे में बमुश्किल आधे से एक घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो पा रही है।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत आने वाले नौ करोड़ से अधिक लाभार्थियों को हर सिलेण्डर पर दो सौ रूपए के अनुदान की घोषणा की गई है जो उनके लिए नाकाफी ही माना जा सकता है। ग्रामीण स्तर पर इस योजना के हितग्राहियों में आधे से अधिक तो संपन्न वर्ग के माने जा सकते हैं। इसकी बाकायदा जांच की जाना चाहिए एवं जिस भी अधिकारी के द्वारा इन्हें शामिल किया गया है उनसे अब तक इस योजना के तहत दिए गए अनुदान की वसूली की जाना चाहिए।

लंबे समय से देश मंहगाई की आग से जूझ रहा है। विपक्ष भी जनता से सीधे जुड़े इस मामले को लेकर सही तरीके से जनता के बीच नहीं जा पा रहा है। जनता त्राहीमाम त्राहीमाम कर रही है उसके बाद भी अगर वातानुकूलित मंहगे विलासिता भरे वाहनों से उतरकर विपक्ष के नेता मंहगाई का रोना रोएंगे तो भला जनता पर इसका क्या असर होगा! कोविड के कारण अनेक लोगों को अपनी नौकरी और रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। इसके बाद भी अब तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है।

देखा जाए तो लोगों की रोजमर्रा वाली दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं की लागत बढ़ने से ये लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही हैंयही कारण है कि सरकार के प्रति समाज के सभी वर्गों की नाराजगी बहुत ज्यादा हद तक बढ़ चुकी है। विपक्ष के द्वारा अगर इस मुद्दे को सही तरीके से उठा लिया जाताविपक्ष के द्वारा अपने अपने सोशल मीडिया हेण्डल करने वाले पदाधिकारियों को अगर स्थानीय स्तर पर मंहगाई बढ़ने के लिए स्थानीय सांसद या विधायकों के मौन को जिम्मेदार ठहराया जाता तो आज हालात कुछ ओर ही होते!

प्रधानमंत्री कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मंहगाई को लेकर लोगों के मन में उपज रहे रोष और असंतोष को भले ही विपक्ष के दलों के द्वारा भुनाया नहीं जा सका हो पर सरकार की गुप्तचर एजेंसियों के द्वारा सरकार को इस मामले में आगाह किया गया और उसके बाद ही सरकार ने 21 मई को पेट्रोल पर 08 रूपए और डीजल पर 06 रूपए प्रति लीटर एक्साईज ड्यूटी घटाने की घोषणा की। यह कमी नाकाफी ही मानी जा सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा अगर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इसे घटाने की नसीहत दे दें तो यह एक बहुत बड़ा मुद्दा विपक्ष के हाथ से फिसल सकता है।

विपक्ष अगर इस मामले को राष्ट्र व्यापी मुद्दा बनाना चाहता है तो विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं को चाहिए कि वे अपने सूबाई नेतृत्व से लेकर जिला स्तरीय नेतृत्व को ताकीद करें कि जब भी आंदोलन में जाएं तो विलासिता वाले वाहनों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखेंअन्यथा जिस भीड़ का वे नेतृत्व करने जाते हैंउस भीड़ के समझदार लोग बुदबुदाते नजर आते हैं कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे . . . अर्थात दूसरे को उपदेश देना बहुत आसान है . . . जिस मंहगाई के लिए आप लड़ने जा रहे हैंउस आंदोलन का टायर सबसे पहले तो आपकी एयरकंशीन्ड विलासिता वाला वाहन ही पंचर कर देता है!

लिमटी की लालटेन के 251वें एपीसोड में फिलहाल इतना ही। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज में लिमटी की लालटेन अब हर रोज दोपहर 02 बजे एवं शनिवार एवं रविवार को सुबह 07 बजे प्रसारित की जा रही है। आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की वेब साईट या चेनल पर जाकर इसे रोजाना दोपहर 02 बजे एवं शनिवार व रविवार को सुबह 07 बजे देख सकते हैं। अगर आपको लिमटी की लालटेन पसंद आ रही हो तो आप इसे लाईकशेयर व सब्सक्राईब अवश्य करें। हम लिमटी की लालटेन का 252वां एपीसोड लेकर जल्द हाजिर होंगेतब तक के लिए इजाजत दीजिए . . .

(लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)

(साई फीचर्स)


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ