Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पुस्तक का नाम :  जल है तो जीवन है 
लेखिका :
प्रकाशक : अपोलो प्रकाशन राजा पार्क जयपुर।
यह एक बाल एकांकी है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को जल के प्रति जागरूक करना है। इस एकांकी को चित्रों के माध्यम से भी सजाया भी किया है, जो इसे पठनीय बनाने में सहायक है।
 मूल कथा में पानी सभा का आयोजन हुआ है , जिसमें वरुण देव, सागर , मनुष्य सब भाग ले रहे हैं।  यहां एक दूसरे पर ब्लेम गेम शुरू हो जाता है। बाद में नदियां और पृथ्वी भी शामिल होते हैं और वे अपना दुखड़ा रोती है।
 अंत में सागर देव कहते हैं कि मनुष्य को अपनी आदतें बदलनी होगी, लापरवाही बंद करनी होगी,  तभी यह पृथ्वी सुरक्षित रह पाएगी। जल बचाएं जीवन बचाएं, पानी को बचाइए पानी आपको बचाएगा ।
अंत में एक कविता भी है  जो पढ़ने में अच्छी लगती है। इस एकांकी की खासियत है कि इसे बच्चे बड़े आराम से मंच पर खेल सकते हैं।
 इसमें कठिन शब्दों का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हुआ है और यह ध्यान रखा गया है कि जब बच्चे पढ़ें, तो उन्हें इसे समझने के लिए किसी की बड़े की या डिक्शनरी की जरूरत ना पड़े।




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