Swargvibha
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फर्जी एसीएस आया पुलिस की गिरफ्त में

(अपराध ब्यूरो) Limty Khare

जौनपुर (साई)। जौनपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, फर्जी आइएएस अधिकारी लाल-नीली बत्ती लगी मारुति गाड़ी के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

इस पर आरोप है कि यह महीनों सें बे होम का रिश्तेदार बनकर अधिकारियों व कई थानेदारो को अपने प्रभाव में लेना चाहा, जिले के अधिकारी को भी फोन करके अपने प्रभाव में लेना चाहा, आरोपी हिमांशु फन काल ऐप से बे होम के जरिये प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के सीयूजी नम्बर पर काल करके फर्जी दबाव बनाकर जायज व नाजायज कामो को करने के लिए दबाव बनाया करता था।

उसके पास के मारुति कार लाल व नीली बत्ती, एक लैपटॉप, आईडी पैड, तीन मोबाइल, 6 एटीएम कार्ड, एक पिस्टल नुमा लाइटर, नगदी रुपया, बरामद किया गया। गिरफ्तार करने वाली सिटी कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच को दस हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

नगर के सिटी कोतवाली स्थित रसूलाबाद तिराहे पर एसपी अजय साहनी के निर्देश पर सिटी कोतवाली पुलिस व एसओजी प्रभारी वाहनो की चेकिंग कर रहे थे तभी एक मारुति एस क्रॉस पर लाल व नीली बत्ती लगाकर एक वाहन को आता देख उससे पूछताछ की गई थी पहले तो अपने आप फर्जी आईएएस बताकर पहले तो पुलिसकर्मियों पर रौब गांठने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने जब कठोरता से पूछताछ की तो आरोपी हिंमाशु कन्नौजिया टूट गया और बताने लगाकर फर्जी एसीएस होम का रिश्तेदार बताकर अधिकारियों पर दबाव बनाकर काम करवाने का प्रयास किया करता था।

यही नही आरोपी सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये की बात कबूली है, आरोपी हिमांशु कन्नौजिया पुत्र गुलाब कन्नौजिया जो जिले के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भटेवरा का रहने वाला है, जिसके पास से पुलिस ने एक वाहन पर लाल व नीली बत्ती, एक लैपटॉप, आईपैड, तीन मोबाइल, 6 एटीएम, एक पिस्टलनुमा लाइटर, 3340 रुपया नगद, बरामद किया है,

जनपद पुलिस को आये दिन सूचना मिल रही थी जिले में एक नीली रंग की कार फर्जी लाल व नीली बत्ती लगाकर अधिकारियों पर दबाव बनाकर रुपये ऐंठने का काम करता है जिले के एक एसडीएम व कई थानेदारो को फोन करके दबाव बनाने का काम करता था जिससे पुलिस इस आरोपी की कई दिनों से तलाश कर रही थी, जो बीती रात पूरी हो गई जब पुलिस वाहनो की चेकिंग में व्यस्त थी तभी पुलिस को एक नील रंग की कार में बत्ती लगी थी जिसकी पुलिस ने गहनता से पूछताछ की तो पुलिस की पूछताछ में आरोपी हिमांशु ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।


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पंचायत भवन निर्माण में धांधली का आरोप

(ब्यूरो कार्यालय)

सिद्वार्थ नगर (साई)। सिद्धार्थ नगर जिले मे पंचायत भवन निर्माण में मनमानी इस कदर देखने को मिल रही है कि भवन निर्माण में तृतीय श्रेणी की ईट लगाकर अपनी जेब गर्म करने में जिम्मेदार लगे हुए हैं। जबकि गांव के लोगों के विरोध करने के बावजूद भी ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की मनमानी देखने को मिल रही है।

मामला सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत संतोरी टोला पिपरी का है जहां पंचायत भवन का निर्माण गांव मे कराया जा रहा है जिसमें सेमा ईट से भवन निर्माण किया जा रहा है। वहीं लोगों के विरोध के बावजूद भी ग्राम विकास अधिकारी मिथिलेश कुमारी ने मनमानी ढंग से भवन निर्माण कराने में लगी हुई है।

मौके पर एक ग्रामीण ने बताया है यह पंचायत भवन प्रधान व सचिव व बनवा रहे है भवन मे सोयम ईटो का प्रयोग हो रह गया है। हम लोग यहा मिस्त्री है प्रधान व सचिव जो कहते है। वही काम करते है जब इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर से मिडिया ने सवाल किया तो उनके द्वारा मामले की जांच करने को कहा गया और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई। जांच भी होगी और कार्यवाही भी होगी लेकिन ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की जो मनमानी है ऐसे कब तक चलेगी जहा सरकार ग्राम सभा के विकास के लिऐ पंचायत भवन का निर्माण गुणवत्ता पूर्वक कराऐ जाने के लिऐ पैसा देती है तो वही जिम्मेदार अपनी जेब भरने मे लगे हुऐ है।



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आय से अधिक संपत्ति के आरोपी पुलिस अधिकारी को भाजपा ने बनाया प्रत्याशी
(ब्यूरो कार्यालय)
सुल्तानपुर (साई)। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) और कांग्रेस को मुश्किल में डालने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ED) के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के मूल निवासी हैं।
उन्‍होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट राजेश्वर सिंह ने लॉ और ह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली है। 1996 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं। लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में तैनाती के दौरान उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता था। वर्ष 2009 में राजेश्वर सिंह प्रतिनियुक्ति पर ईडी में चले गए थे। वहां भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण केस साल्व किये।राजेश्वर सिंह ने ईडी में अपने कार्यकाल के दौरान अफेंडर्स के तकरीबन 3000 करोड़ रुपये के असेट्स को सीज किया। उनके नेतृत्व में ईडी ने 2जी स्पैक्ट्रम स्कैम में 223 करोड़, रेड्डी मामले में 1000 करोड़, एयरसेल-मैक्सिस मामले में 750 करोड़, मधु कोड़ा मामले में तकरीबन 300 करोड़ के असेट्स सीज किए।
बीजेपी के टिकट पर राजेश्‍वर सिंह लड़ने वाले हैं चुनाव!इनके एक भाई और एक बहन इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। बहनोई राजीव कृष्ण आईपीएस हैं और आगरा ज़ोन के एडीजी हैं। इनके दूसरे बहनोई वाई पी सिंह भी आईपीएस थे और उन्होंने भी वीआरएस ले लिया था। राजेश्वर सिंह के पिता भी पुलिस विभाग में थे और डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे। राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं और इस समय लखनऊ रेंज की आईजी हैं। राजेश्वर सिंह माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक हैं लेकिन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वे पुलिस सेवा में आ गए।कामनवेल्थ और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जांच की
कांग्रेस की यूपीए सरकार में वर्ष 2010 से 2018 तक हुए कामनवेल्थ गेम में हुए घोटाले और कोल डिपो के आवंटन में हुई अनियमितता की जांच भी इनके द्वारा की गयी। साथ ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर डील में हुई अनियमितता के मामले में जिसमें तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कीर्ति चिदम्बरम का नाम शामिल होने का मामला आया था। उसमें भी इनके द्वारा कार्यवाही की गयी। इसके अलावा मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला, मधु कोड़ा और जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ चल रही जांच का भी यह हिस्सा रहे। अपने एक लम्बे समय की प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ में तैनाती के बाद भी राजेश्वर सिंह की सेवा में अभी 12 साल थे। सरकार ने वर्ष 2018 में इनके खिलाफ एक जांच की शुरुआत किया लेकिन जांच में इनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला।सहारा मामले से सुर्खियों में आए बात 2011 की है। तब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी के खिलाफ अलग-अलग मंत्रालयों और सरकारी निकायों के समक्ष लगभग 50 एक जैसी शिकायतें दर्ज की गईं। वह अधिकारी कोई और नहीं राजेश्‍वर सिंह ही थे। राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर रक्षा और कानून समेत अलग-अलग मंत्रालयों को सिंह के कामकाज के तौर-तरीकों की जांच की शिकायतें मिलीं। उन पर आय से अधिक संपत्ति के मामले के भी आरोप लगे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा हालांकि, सिंह इनका डटकर मुकाबला करते रहे।उसी साल मई 2011 में सिंह ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय, पत्रकार उपेंद्र राय और सुबोध जैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। राजेश्‍वर ने शिकायत की थी कि रॉय के साथ उपेंद्र और सुबोध जैन 2जी स्‍कैम में उनकी जांच में हस्‍तक्षेप कर रहे हैं। इस जांच के दायरे में सहारा ग्रुप के भी कुछ सौदे थे। कोर्ट ने 2013 में माना था कि इनके खिलाफ केस बनता है। इसके बाद उन्‍हें नोटिस जारी किया गया था। सहारा इंडिया न्यूज नेटवर्क और उसके सहयोगी संस्‍थानों को सिंह से संबंधित किसी भी स्‍टोरी या प्रोग्राम के प्रकाशन और प्रसारण से रोक दिया गया था।


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ओवेसी के वाहन पर हमला, चर्चाओं का बाजार गर्म
(ब्यूरो कार्यालय)
मेरठ (साई)। मेरठ से लौटते वक्त कल ओवैसी की गाड़ी पर फायरिंग का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि दो हमलावर गाडी पर फायरिंग कर रहे है। उनके गोली चलाने के अंदाज़ और कार पर लगी गोलियों के निशान को लेकर लाख दावे किये जाए कि हमलावरों ने गोली कार के नीचे की तरफ मारने का प्रयास कर रहे है।
उधर, वीडियो में गोली चलाने का अंदाज़ इन दावो को खारिज करता दिखाई देता है। क्योकि हमलावर ह्युमन हाईट पर गोली चलाते दिखाई दे रहे है। हाँ इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि प्रोफेशनल अपराधी न होने के कारण अभी किये जा रहे दावो को बल मिल रहा है।
सवालो के जवाब जो आज प्रशासन तलाशने की कोशिश कर रहा है वह बेशक बे-मायने की बाते तो नही है। मगर बात तो ये भी स्पष्ट है कि टोल नाके पर हवे इस हमले ने एक बार फिर प्रदेश में नफरत की हिंसा के आरोपों को और भी बल दे दिया है। कम से कम छद्म देश भक्ति दिखाने वालो की भरमार सोशल मीडिया पर है इससे अब कोई इन्कार नही कर सकता है। नाम के आगे “हिन्दू” और “देशभक्त” लगाकर नफरतो को सोशल मीडिया पर परोस कर समाज में नफरत का ज़हर बोने वालो की हरकते एक बार फिर से सामने है। भले ही सियासत इसका लाख बचाव करे, लाख दावे किये जाए कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बड़ी ही चुस्त दुरुस्त है। मगर ये भी सच है कि इस प्रकार की घटनाए इस बात को साबित करती है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ कितना है?
गौरतलब हो कि पश्चिमी यूपी में तेज हो चुकी चुनावी सरगर्मी के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे फायरिंग की गई। घटना उस वक्त हुई जब पिलखुवा के पास छिजारसी टोल प्लाजा से उनका काफिला गुजर रहा था।हापुड़ के छिजारसी टोल पर असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गोली चलाने वाला युवक बादलपुर थाना क्षेत्र के गांव दुरियाई का रहने वाला सचिन शर्मा है। वहीं, दूसरा युवक भी सचिन का साथी है। पुलिस को हमलावरों के पास से पिस्तौल बरामद हुई है। अब सवाल ये उठता है कि उनके पास पिस्तौल आखिर आई कहा से। पुलिस आरोपियों के नाम सचिन और शुभम बता रही हैं। उन्होंने पूछताछ में बताया कि ओवैसी के नफरत भरे भाषण से वे नाराज थे, इसलिए हमला किया। सचिन ने पूछताछ में बताया कि शुभम से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई। इसके बाद फोन पर बातें होने लगीं। फोन पर ही हमले की साजिश तैयार की। दोस्तों से पिस्तौल ली। हमले से पहले दोनों मिले और कार से टोल प्लाजा पर पहुंच गए।
घटना की सूचना मिलने के बाद आरोपी के घर पहुंचकर पुलिस ने परिजनों से पूछताछ भी की। बादलपुर पुलिस का कहना है कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि ओवैसी के बयानों से सचिन नाराज था। उसका देशभक्त सचिन हिंदू के नाम से फेसबुक प्रोफाइल है। सचिन अक्सर सांप्रदायिक बातें पोस्ट करता था। उसके कई भाजपा नेताओं के साथ फोटो भी हैं। वह नेताओं को जन्मदिन पर बधाई देने के पोस्ट भी करता है। सचिन अविवाहित है, पिता विनोद कंपनियों में श्रमिक उपलब्ध कराने का काम करते हैं।वही दूसरा युवक शुभम खेती करता है। अब आप सोचे कि मध्यवर्गीय परिवार से सम्बन्धित इन युवको के हाथो में असलहा कहा से आया। सचिन की फेसबूक प्रोफाइल पर नफरतो वाले पोस्ट को देखकर सोशल मीडिया की निगरानी करने की बात करने वाली यूपी पुलिस के इस विभाग पर भी बड़े सवाल पैदा होते है। आखिर कैसी निगरानी है ये। सचिन की एक तस्वीर उसके फेसबुक पर है जिसमे वह हाथो में तलवार लिए हुवे है। अगर सोशल मीडिया की निगरानी उत्तर प्रदेश पुलिस करती है तो इसके पहले उसने तलवार लिए हुवे तस्वीर पर क्यों नही कार्यवाही किया और तलवार को बरामद क्यों नही किया, क्योकि जानकारी ये भी निकल कर सामने आ रही है कि इस तलवार का लाइसेंस नही है। फिर क्या सिर्फ समाज में अपने नाम का डर पैदा करने के लिए “माडे कन्ने तलवार है, कट्टो तो खून निकल आवेगा” जैसे शब्दों के लिए ये तस्वीरे इस्तेमाल हो रही है।


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नामांकन से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में किया रुद्राभिषेक
(ब्यूरो कार्यालय)
गोरखपुर (साई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार 4 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा।
भाजपा ने उन्हें गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके पहले वह गोरखपुर से सांसद रहे। वर्ष 2017 में यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से वह विधान परिषद सदस्य रहे।शुक्रवार को नामांकन के लिए जाने से पहले योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे।
उन्होंने यहां रुद्राभिषेक किया। इसके बाद नामांकन करने के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नामांकन के दौरान प्रशासन द्वारा नामांकन स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।सीएम योगी आदित्यनाथ के नामांकन को लेकर गोरखपुरवासियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता नामांकन कराने के लिए जुटे हुए हैं।


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पच्चीस हजार का ईनामी अभियुक्त असलाह के साथ धराया
(ब्यूरो कार्यालय)
जौनपुर (साई)। थाना गौराबादशाहपुर व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम द्वारा आगामी चुनाव के दृष्टिगत चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था।
चेकिंग अभियान के दौरान दुधौरा की तरफ से नहर के रास्ते लिलहा पुल की तरफ आती हुई बोलेरो दिखाई दी कि नजदीक आने पर पुलिस बल द्वारा टार्च की रोशनी देते हुए बोलेरो को रोकने का इशारा किया गया। सामने पुलिस बल देख चालक व बोलेरो में बैठा एक व्यक्ति गाडी से उतरकर खेत में भागने लगा कि पुलिस टीम द्वारा सरेण्डर करने के लिये कहा गया तो पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगे।
उक्त फायरिंग से थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर के बुलेट प्रूफ जैकेट में अगले हिस्से में सीने के करीब गोली लगी तथा प्रधान आरक्षक विनोद यादव के बांये हाथ के कन्धे से एक गोली छूते हुए निकल गयी जिससे घायल हो गये। आत्मरक्षार्थ पुलिस टीम द्वारा किये गये फायर से एक अभियुक्त को गोली लग गयी जिससे उक्त अभियुक्त घायल होकर गिर पड़ा जिसे बाद प्राथमिक उपचार ट्रामा सेण्टर वाराणसी के लिये रेफर कर दिया गया तथा दूसरा व्यक्ति अन्धेरे का फायदा उठाकर भाग गया।
फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। गिरफ्तार अभियुक्त अबुल जैश पच्चीस हजार रुपये का इनामी है, यह अन्तर्जनपदीय अपराधी है। अभियुक्तो के विरुध्द थाना स्थानीय पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।


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व्यापारी की बेटियों को 5 मंजिला इमारत से फेंका, एक की हुई दर्दनाक मौत

(ब्यूरो कार्यालय)

पटना (साई)। बिहार की राजधानी पटना में एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है। यहां एक युवक ने 2 नाबालिग बच्चियों को 5 मंजिला इमारत से नीचे फेंक दिया। जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि दूसरी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है।

घटना के बाद उग्र भीड़ ने आरोपी को ले जा रही पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। आक्रोशित भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना पटना शहर के बहादुरपुर थाना इलाके की है।

स्थानीय वार्ड पार्षद सतीश कुमार ने बताया कि रामकृष्ण कॉलोनी में मुन्ना का मकान है। यहां फल का व्यवसाय करने वाले नंदलाल गुप्ता का परिवार रहता है। उनकी दो बेटियां है, जिनका नाम शालू और सलोनी है। छोटी बेटी की उम्र 10 साल, जबकि बड़ी बेटी की उम्र 12 साल है। गुरुवार को विवेक कुमार नामक युवक ने दोनों बच्चियों को पांचवी मंजिला से नीचे फेंक दिया। इसमें एक बच्ची की मौत हो गई। दूसरी का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

घटना से स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और आरोपी को लेकर जा रही पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ ने कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। भीड़ के पथराव में थाना प्रभारी सहित 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक आरोपी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि उसने वारदात को क्यों अंजाम दिया? घटना के बाद से इलाके के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।

पुलिस के मुताबिक वह दरभंगा जिले के लहेरियासराय का रहने वाला है। वह पुलिस को और कोई जानकारी नहीं दे रहा है। पटना सिटी डीएसपी अमित शरण के मुताबिक युवक ने दोनों बच्चियों को बिल्डिंग से फेंक दिया था। इसमें दोनों बुरी तरह घायल हो गईं, जिसमें से एक की मौत हो चुकी है। दूसरी का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।


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