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अजय जैन 'विकल्प'
(संस्थापक-सम्पादक)            
सम्पर्क-09770067300(व्हाट्सएप) इंदौर (मध्यप्रदेश,भारत)
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-हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार ने गणतंत्र दिवस पर कराई भव्य आभासी काव्य गोष्ठी
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इंदौर (मप्र)। यह कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा। इससे रचनाकारों को निश्चित ही प्रोत्साहन और उत्साह मिलता है। चुनावी मौसम आ गया है। आज देश की स्थिति क्या है। अवसरवादी आचरण से नेताओं की विश्वसनीयता घटी है। यह बड़ा दुर्भाग्य है- 'लहराने नेता लगे,बजी चुनावी बीन। सत्ता के सुर-ताल पर, होता नहीं यकीन॥'
     यह ओजस्वी विचार प्रसिद्ध राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. रामनिवास 'मानव' ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। अवसर रहा लोकप्रिय वेबसाइट हिंदीभाषा डॉट कॉम द्वारा गणतंत्र दिवस पर आयोजित ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का। हरियाणा निवासी डॉ. मानव ने 'मेरा देश महान' विषय पर इस गरिमामयी गोष्ठी में जहाँ पूरे समय उपस्थित रह सभी प्रतिभागियों की रचनाएँ सुनी और उन्हें आशीर्वचन दिया,वहीं आपने भी चुनावी बेला के मद्देनजर बेहतरीन दोहे प्रस्तुत करके सबको देश के लिए सोचने हेतु जागरूक किया।
   प्रारंभ में युवा रचनाकार अलीशा सक्सेना (इंदौर) ने माँ सरस्वती का आह्वान करते हुए सुंदर वंदना प्रस्तुत की,तथा गोष्ठी का शुभारंभ किया।
  इस गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ लघुकथाकार श्री मुकेश तिवारी (इंदौर, मप्र) ने की। आपने  सभी रचनाकारों और हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार को इस शानदार गोष्ठी के लिए बधाई दी। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए आपने कहा कि,कलम के माध्यम से सबने अच्छी भूमिका निभाई है। आज भी कलम कीमती है। हमें आजादी मिली है तो संकल्प लें, सकारात्मक कलम चलाएं। अपनी कलम के माध्यम से नई पीढ़ी के सामने देश के इतिहास के अनछुए पहलुओं को रखने की बात आपने कही।
 पोर्टल के संस्थापक-सम्पादक अजय जैन 'विकल्प' और सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन,सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार),मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता (महाराष्ट्र) ने पूरे समय सभी रचनाकारों को प्रोत्साहित करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। श्रीमती जैन के अथक प्रयास से सभी रचना शिल्पियों को मंच प्रस्तुति देने का यह अभिनव कार्य अपने चरम पर रहा,यही इसकी सफलता रही। हर रचनाशिल्पी ने इसे सराहा। आभार वेबसाइट की संयोजक सम्पादक डॉ. सोनाली नरगुंदे ने माना।

साढ़े ३ घंटे तक एक से बढ़कर एक रचना...

    २६ जनवरी पर हुई इस गोष्ठी की बड़ी सफलता यही रही कि,दोपहर में निरंतर करीब साढ़े ३ घंटे तक चली। इसमें लगभग ५९ रचनाशिल्पियों ने अपनी रचनाओं से देशभक्ति का जोरदार वातावरण बना दिया। मंडला से राष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. प्रो. शरद नारायण खरे ने 'गणतंत्र गान' शीर्षक से 'हिम्मत,ताक़त,शौर्य विहँसते,तीन रंग हर्षाये हैं' रचना प्रस्तुत की तो राजस्थान से गुरुदीन वर्मा 'जी आजाद' ने 'हर दिल को लगे प्यारी। भड़के नहीं चिंगारी॥' का सस्वर पाठ किया। डॉ. नरगुंदे के सशक्त संचालन में इसी कड़ी में शशि कपूर (महाराष्ट्र),मधु मिश्रा (ओडिशा),डॉ.आशा गुप्ता 'श्रेया'(झारखण्ड),अलका 'सोनी',आशा जाकर(मप्र),गोपाल मोहन मिश्रा (बिहार), शंकरलाल जांगिड़ (राजस्थान),संजय गुप्ता 'देवेश' (राज.),मीतू सिन्हा (झारखंड),आशा आजाद 'कृति'(छग),डॉ. राधाबल्लभ पांडेय 'आलोक' (उ.खं.),डी.कुमार-अजस्र(राज.),श्रीमती विजयलक्ष्मी 'विभा' (उप्र),देवश्री गोयल(छग),डॉ. जबराराम कंडारा (राज.),बोधन राम निषाद राज 'विनायक' (छग),ऋचा सिन्हा (महाराष्ट्र),ज्ञानवती सक्सेना 'ज्ञान' (राज.),राजू महतो(झारखण्ड),मुकुट अग्रवाल (हरियाणा),प्रत्यूषा जैन (मप्र),डॉ. आशा मिश्रा 'आस'( महाराष्ट्र),रीता अरोड़ा 'जय हिंद' (दिल्ली) सहित गोष्ठी संयोजक ममता तिवारी 'ममता' (छग) आदि ने भी अपनी रचनाओं से गोष्ठी को सुशोभित किया। निक्की शर्मा,गीता विश्वकर्मा 'नेह',हेमलता तिवारी,कविता पनोत की रचनाओं को विशेष रूप से सराहा गया।
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आपसे सहृदय सादर विनम्र अनुरोध है कि, आपके प्रकाशन में स्थान के उपरांत लिंक/ पीडीएफ प्रेषित कराने का विनम्र कष्ट अवश्य करें,ताकि मूल प्रति संग्रहित की जा सके। 
सादर धन्यवाद।
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