Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

जब बिजली के इंजन से ही चलना है रेल तो दिल्ली अभी दूर ही है!
पीजीसीएल का एक कार्यालय खुला है सिवनी में इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए
(लिमटी खरे)
सिवनी (साई)। सिवनी में नेरोगेज से ब्राडगेज के अमान परिवर्तन को रेलवे के अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया है। बार बार समय सीमा बढ़ाए जाने के कारण भी रेल के अधिकारी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं 2015 में लगे मेगाब्लाक के बाद 06 सालों में एक भी पत्रकार वार्ता रेलवे के अधिकारियों के द्वारा नहीं की गई है ताकि जनता के सवालों के जवाब मिल सकें।
ज्ञातव्य है कि सिवनी में लगभग सौ साल पुरानी नेरोगेज के अमान परिवर्तन के लिए 1990 से ही सिवनी के सांसदों, विधायकों के द्वारा जनता को सब्ज बाग दिखाए जाते रहे हैं। जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, उस दौरान तत्कालीन विधायक और कांग्रेस के कद्दावर नेता स्व. हरवंश सिंह के द्वारा लालू यादव के हवाले से अमान परिवर्तन की बात कही गई थी। इसी दौरान तत्कालीन सिवनी की अंतिम सांसद श्रीमति नीता पटेरिया के द्वारा भी इस बात का समर्थन किया गया था। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा में श्रेय लेने की अंधी होड़ भी आरंभ हुई थी।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि सिवनी से होकर गुजारने वाली रेल लाईन में 01 दिसंबर 2015 को महज दो सालों के लिए मेगा ब्लाक लगाया गया था। इसके बाद यहां की पटरियां उखाड़ दी गई थीं। 2015 के बाद 2021 भी समाप्त हो गया पर सिवनी में रेल की सीटी नहीं बज पाई।
मण्डला संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में नैनपुर से केवलारी होकर भोमा तक के काम को बहुत ही तेज गति से करवाया गया। इसके बाद अधिकारी वही, ठेकेदार वही, पर भोमा से सिवनी के बीच के महज 18 किलोमीटर के हिस्से में काम को बहुत ही मंथर गति से करवाया जा रहा है। इस मामले में अगर बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन के द्वारा रेल अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने की अनुशंसा कर दी जाती तो अब तक सिवनी तक का काम कभी का पूरा हो गया होता।
बहरहाल, इसके बाद विलंब पर विलंब कारित करने के उपरांत 2021 के मार्च माह में नैनपुर से केवलारी, कान्हीवाड़ा होकर भोमा (मण्डला संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से मे) कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) को अंजाम दिया गया। इसी के साथ ही नैनपुर से चिरई डोंगरी होते हुए मण्डला का सीआरएस भी पूरा हुआ था।
रेलवे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि चूंकि डीजल इंजन से रेल का परिचालन जबलपुर से नैनपुर, मण्डला से नैनपुर, नैनपुर से केवलारी होकर भोमा और भोमा से सिवनी होकर चौरई तथा चौरई से छिंदवाड़ा तक नहीं कराया जाना है इसलिए पावर ग्रिड कार्पोरेश लिमिटेड (पीजीसीएल) का एक कार्यालय सिवनी में खोला गया है जो पूरे ट्रेक का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम देख रहा है।
पीजीसीएल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए नैनपुर से भोमा तक का सीआरएस करवा दिया गया है। अब बारी भोमा से सिवनी के सीआरएस की है। इसके बाद सिवनी से चौरई तक का काम पूरा किया जाएगा। जब सब जगह काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद पीजीसीएल के द्वारा इलेक्ट्रिफिकेशन के काम को अंजाम दिया जाएगा। और जब तक इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा नहीं होता तब तक सिवनी में ब्राडगेज के इंजन की सीटी शायद ही सुनाई दे।
(अगले एपीसोड में, डीजल इंजन अगर चलता है तो कहां होगी इंजन की रीफ्यूलिंग!)

--

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ